शर्मा के इस विंध्य दौरे को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का बाजार तेज हो गया है। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि शर्मा का यह विंध्य क्षेत्र का दौरा काफी महत्वपूर्ण है। प्रदेश की सियासत में इसका दूरगामी परिणाम हो सकता है। राजनीतिक विश्लेषक इसे प्रदेश नेतृत्व की नई रणनीति के रूप में देख रहे हैं। बता दें कि हाल ही में रीवा जिले की राजनीतिक पृष्ठभूमि में बड़ा फेरबदल हुआ है। देवतालाब विधायक को विधानसभा का अध्यक्ष नियुक्त कर सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है।
कहा तो यहां तक जा रहा है कि हाल में भाजपा संगठन के निर्णय के बाद एक बार फिर सत्ता का केंद्र बिंदु रीवा जिले में परिवर्तित हो चुका है। इसका असर प्रदेश अध्यक्ष के आगमन पर शहर में लगाई गई होर्डिंग्स में साफ तौर पर देखा जा सकता है। आमतौर पर अब तक किसी बड़े नेता के रीवा दौरे के वक्त होर्डिंग्स में स्थानीय विधाय व पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला का चेहरा आम रहता था। लेकिन इस दफा प्रदेश अध्यक्ष के रीवा दौरे में लगी होर्डिंग्स से विधानसभा अध्यक्ष हरीश गौतम को खास तवज्जो दी गई है।
राजनीतिक विश्लेषक हालिया घटनाक्रम को बड़े बदलाव के रूप में देख रहे हैं। उनका कहना है कि पूर्व के शिवराज मंत्रिमंडल में प्रमुख स्थान रखने वाले क्षेत्रीय विधायक व पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल के बारे में पिछले एक साल से यह कयास लगाया जा रहा है कि मंत्रिमंडल के अगले विस्तार में शुक्ला को जगह मिलेगी। लेकिन अभी तक तो ऐसा नहीं हुआ। अलबत्ते विंध्य क्षेत्र से गौतम को विधानसभा अध्यक्ष बना कर भाजपा संगठन ने कुछ नए संकेत दिए हैं। इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।