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अफसरों की लापरवाही से बरसात में परेशान होगी जनता, घर से निकलना हो जाएगा मुश्किल

शहर के 17 नालों का शुरू कराया गया था निर्माण, कई वार्डों में लोगों का निकलना मुश्किल हुआ

रीवाJun 12, 2018 / 12:35 pm

Mrigendra Singh

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रीवा। शहर में कई ऐसे स्थान हैं जहां पर हल्की बारिश में भी जलभराव होता है। लंबे अर्से से यह स्थान चिन्हित हैं लेकिन नगर निगम वहां पर कोई ठोस इंतजाम नहीं कर पा रहा है। पहली बारिश ने इस सीजन में भी व्यवस्था की पोल खोल दी है। करीब दर्जन भर से अधिक स्थान ऐसे हैं जहां पर पूरी रात पानी का जमाव रहा लोगों को फजीहत हुई। अमृत योजना के तहत नगर निगम को 20 करोड़ रुपए मिले थे, जिसमें 17 नालों के पक्के निर्माण की रूपरेखा तय की गई है। इसमें जब निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ तब तकनीकी खामियां नजर आई हैं। स्टार्म वाटर ड्रेनेज के इस प्रोजेक्ट पर नगर निगम के अधिकारियों ने उस दौरान यह नहीं देखा कि इसके निर्माण के लिए क्या जरूरतें हैं। अब जब निर्माण के दौरान व्यवहारिक समस्याएं सामने आ रही हैं तब निर्माण रोक दिया गया है।
मौके पर गए बिना ही तैयार कर दी कार्ययोजना
नगर निगम ने भोपाल के आर्किटेक्ट दीप अग्रवाल को स्टार्म वाटर ड्रेनेज की कार्ययोजना तैयार करने के लिए जिम्मेदारी सौंपी थी। कई पार्षदों ने आरोप लगाया है कि मौके पर कंपनी के कर्मचारी सर्वे करने आए ही नहीं और न ही किसी तरह का संपर्क किया। नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठकर ड्राइंग तैयार कर दी, जिसमें काम करने के दौरान समस्या उत्पन्न हो रही है।
ये कमियां पाई गई
बारिश के पानी बहाव के लिए नालों के निर्माण की जो ड्राइंग तैयार की गई थी। उसमें तीन फिट से लेकर छह फिट तक की गहराई और चौड़ाई का नाला बनाया जाना था। इतने बड़े नाले में कांक्रीट के साथ लोहे की सरिया का इस्तेमाल करने का उल्लेख नहीं किया गया है। साथ ही भौगोलिक स्थिति को ध्यान में नहीं रखा गया, जिसकी वजह से कई ऐसे स्थानों पर नालों की गहराई कम कर दी गई है जहां से पानी के बहाव में समस्या उत्पन्न होगी।
नए सिरे से बनाई जाएगी ड्राइंग
तकनीकी समस्याएं आने के बाद ठेकेदारों ने निर्माण कार्य रोक दिया है। अब फिर से नए सिरे से ड्राइंग तैयार कराई जा रही है। नेहरू नगर में ड्राइंग को लेकर विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई थी। उस पर भी सर्वे किया जाएगा कि किस स्थान से नाला निकाला जाए ताकि बारिश का पानी आसानी से निकल सके।
कई महत्वपूर्ण स्थानों को छोड़ा
निगम के अधिकारियों ने भी ड्रेनेज की डिजाइन और स्थान के चयन को लेकर गंभीरता से परीक्षण नहीं किया। अब बारिश के दौरान पानी कई स्थानों पर भरने लगा तो उन स्थानों की भी याद आई है, जहां पर समस्याएं बढ़ सकती हैं। रानीतालाब मोहल्ले में चुनहाई कुआं के नजदीक भी जलभराव हुआ है। बताया गया है कि यहां पर करीब एक किलोमीटर के ड्रेनेज के प्रस्ताव भी दिया गया था लेकिन उस पर अमल नहीं हुआ। इसी तरह समान, झिरिया, ढेकहा सहित कई अन्य स्थान ऐसे हैं जहां पर समस्याओं की अनदेखी की गई है।
बरसात बाद ही हो पाएगा अब निर्माण
वार्ड सात के बोदाबाग अल्लाबख्श कालोनी, वार्ड 13 के नेहरू नगर, वार्ड 44 के चिरहुला आदि स्थानों पर एक साथ नाला खोदाई का कार्य प्रारंभ हुआ था। अधूरे कार्य को रोक दिया गया है, जिससे अब बारिश के पानी बहाव में और समस्या उत्पन्न होने लगी है। जिस तरह से अब नए सिरे से प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है उससे माना जा रहा है कि बरसात के बाद ही निर्माण प्रारंभ हो पाएगा। इस सीजन में लोगों को फजीहत होगी।
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