ऐसी मान्यता है कि इन मंदिरों की स्थापना आज से 500 वर्ष पूर्व चिरौल दास बाबा ने किया था जिनके नाम से चिरहुला मंदिर विख्यात है। तीनों मंदिर एक ही दिशा में स्थापित किए गए थे। चिरहुला मंदिर तालाब के किनारे स्थित है जबकि राम सागर मंदिर व खेम सागर मंदिर तालाब में स्थित है। शहर के ये तीनों मंदिर काफी चर्चित है। इसीलिए सुबह से शाम तक भक्तों का तांता लगा रहता है।
चिरौल दास बाबा के बारे में ऐसी मान्यता है कि वे पानी के ऊपर पैदल चल कर तालाब पार करते हैं। चिरहुला मंदिर के पुजारी डूडू महाराज का कहना है कि सभी भक्तों की मनोकामना जिला न्यायालय ने ही पूरी हो जाती है और हाई कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में बहुत कम अर्जी जाती है। यही कारण है कि सबसे ज्यादा भीड़ चिरहुला मंदिर में ही होती है।