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कार्य बहिष्कार कर एपीएस विश्वविद्यालय पहुंचे महाविद्यालयीन प्राध्यापक, जानिए क्यों?

locationरीवाPublished: Jul 13, 2018 05:33:12 pm

Submitted by:

Balmukund Dwivedi

दोपहर तीन बजे के बाद शाम पांच बजे तक विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों के साथ महाविद्यालय के प्राध्यापकों ने धरना दिया

strike of professors

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रीवा. सातवां वेतनमान के लिए गुरुवार को महाविद्यालयों के प्राध्यापक कार्य बहिष्कार कर अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय पहुंचे। वहां विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों के साथ मिलकर सभी ने प्रशासनिक भवन में धरना दिया।

दो घंटे पहले ही कार्य बहिष्कार
शासन की उदासीनता के विरोध में शुरू आंदोलन के तहत प्राध्यापकों ने गुरुवार को दो घंटे पहले ही कार्य बहिष्कार कर दिया। दोपहर तीन बजे के बाद शाम पांच बजे तक विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों के साथ महाविद्यालय के प्राध्यापकों ने भी धरना दिया। विश्वविद्यालय प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष प्रो. एपी मिश्रा ने नेतृत्व में धरनारत प्राध्यापकों ने निर्णय लिया कि उनका दो घंटे का कार्य बहिष्कार 20 जुलाई तक अनवरत जारी रहेगा। धरना में प्रो. रहस्यमणि मिश्रा, प्रो. विजय अग्रवाल, प्रो. राजीव दुबे, प्रो. एसएल अग्रवाल, प्रो. जेपी सिंह, प्रो. आरएन पटेल, प्रो. अतुल पांडेय, प्रो. आरएन सिंह, प्रो. सुनील तिवारी, प्रो. महेश चंद्र श्रीवास्तव, प्रो. अंजली श्रीवास्तव, प्रो. शुभा तिवारी, डॉ. विभा श्रीवास्तव, प्रो. मृदुला श्रीवास्तव व प्रो. दीपा श्रीवास्तव सहित अन्य प्राध्यापक शामिल रहे।
समर्थन में पहुंचे सेवानिवृत्त एडी
उच्च शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक कार्यालय से सेवानिवृत्त हुए पूर्व अतिरिक्त संचालक डॉ. विनोद कुमार श्रीवास्तव ने भी प्राध्यापकों के आंदोलन का समर्थन किया है। मांगों को जायज मानते वह विश्वविद्यालय में आयोजित धरना में शामिल हुए।
अतिथि विद्वानों का सांकेतिक धरना जारी, कुलपति से की मुलाकात
वहीं दूसरी ओर उच्च शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश के तहत मानदेय दिए जाने की मांग को लेकर अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में अतिथि विद्वानों का धरना जारी है। गुरुवार को अतिथि विद्वानों ने प्रशासनिक भवन के मुख्य द्वार पर न केवल धरना दिया।बल्कि कुलपति प्रो. केएन सिंह यादव से मुलाकात भी की।
तक प्रशासनिक भवन पर धरना
पूर्व घोषणा के मुताबिक अतिथि विद्वानों ने शाम चार बजे से पांच बजे तक प्रशासनिक भवन पर धरना दिया। इसके पहले कुलपति से मुलाकात कर 16 जुलाई को उनकी मांगों के मद्देनजर कार्यपरिषद की तात्कालिक बैठक बुलाने के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही कहा कि कार्यपरिषद में उनकी मांग स्वीकार नहीं की जाती है तो वह उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
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