रीवा. अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाएं भी अब वाहन सुधार तथा वाहनों के कलपुर्जे बेंचने जैसे पुरूष प्रधान व्यवसाय में सफल कारोबारी बन रहीं हैं। उन्हें मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना से इसके लिए अच्छा अवसर मिल रहा है। इसका सफल और सशक्त उदाहरण रीवा की एलिस एस्प्रा सिद्दीकी हैं। सिद्दीकी पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विभाग की युवा स्वरोजगार योजना से चार पहिया वाहनों के कलपुर्जे की दुकान खोली है।
हर माह कमा रहीं 25 हजार रुपए कम समय में ही इस दुकान ने बाजार में पैठ बना ली है। एलिस अपनी दुकान से लगभग 25 हजार रुपए हर माह कमा लेती हैं। इस दुकान से उनके भाई को भ?
रोजगार ?? का अवसर मिला हुआ है। एलिस ने बताया कि मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान के भाषण से युवा उद्यमी योजना की जानकारी मिली। मैंने पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विभाग में जाकर सहायक संचालक सीएल सोनी से योजना की जानकारी ली। उनके सहयोग से आवेदन पत्र यूनियन बैंक में जमा किया।
दस लाख के ऋण में मिला दो लाख का अनुदान बैंक से 10 लाख रुपए का ऋण एवं विभाग द्वारा 2 लाख रुपए का अनुदान मिला। इसकी सहायता से मोटर पार्ट की दुकान खोली। दुकान में नम्बर प्लेट बनाने तथा वाहनों की साज-सज्जा का भी कार्य होता है। बैंक को नियमित रूप से ऋण की किश्त अदा की जा रही है।
12वीं पास करते ही स्थापित किया व्यवसाय एलिस ने कक्षा 12वीं पास करते ही व्यवसाय स्थापित करने का प्रयास किया। उन्होंने बताया कि नौकरी करने से अच्छा है स्वयं का व्यवसाय स्थापित करना। व्यवसाय से परिवार के अन्य सदस्यों को भी रोजगार का अवसर मिल रहा है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने युवाओं के लिए सुनहरा मौका दिया है। इसका हर युवा लाभ उठाये।
इनवर्टर-बैटरी का भी कारोबार करना चाहती है एलिस एलिस भविष्य में दुकान को विस्तार देकर उसमें बैरटी तथा इनवर्टर का भी व्यवसाय करना चाहती हैं। इस अल्पसंख्यक युवती ने महिला सशिक्तकरण की सफल मिसाल पेश की है। गाडिय़ों के कलपुर्जे बेंचकर उसने अपने जीवन का गेयर बदल दिया है। अब उसकी जिंदगी सफलता के हाइवे पर दौड़ रही है।