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श्रीनिवास तिवारी से जुड़ा ऐसा घटनाक्रम जो अब तक किसी को नहीं था पता, जानिए उनके बचपन के साथियों की नजर में

locationरीवाPublished: Jan 20, 2018 04:27:55 pm

Submitted by:

Mrigendra Singh

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के निधन पर विंध्य का हर कोई उनसे जुड़े घटनाक्रम साझा कर रहा है

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Such event related to Srinivas Tiwaris, who had not yet known anyone, know, in the eyes of his childhood companions

रीवा. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के निधन पर विंध्य का हर कोई उनसे जुड़े घटनाक्रम साझा कर रहा है लेकिन कुछ ऐसे लोग हैं जो सबसे करीबी थी। ऐसी घटनाएं जो कभी सार्वजनिक नहीं हुई, वह तिवारी के निधन पर सामने आई हैं।
बचपन से राजनीति में रहे सक्रिय
पूर्व डीजीपी एवं तिवारी के बचपन के साथी शिवमोहन सिंह बताते हैं कि एक ऐसे राजनेता थे जिन्होंने जमीनी स्तर पर राजनीति करते हुए देशव्यापी पहचान बनाई। आजादी के आंदोलन से लेकर निधन से कुछ दिन पहले तक राजनीति में सक्रिय रहे। हमारे लिए यह व्यक्तिगत सदमे वाली खबर है कि वह अब इस दुनिया में नहीं रहे। हम दोनों ने एक साथ पढ़ाई की और लंबा समय साथ बिताया। उम्र में वह हमसे बड़े थे और पढ़ाई में एक क्लास पीछे थे। इस वजह से दोनों लोग एक-दूसरे का बराबर सम्मान करते थे। मैं पुलिस सेवा में चला गया और वह राजनीति में लगे रहे।
विंध्यप्रदेश के पुनर्गठन का सपना
विंध्य प्रदेश के दोबारा गठन का उनका बड़ा सपना था, इसके लिए उन्होंने विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कराया लेकिन अंजाम तक बात नहीं पहुंच सकी, जिसका अंतिम समय तक अफसोस रहा। कई बार सार्वजनिक अवसरों पर भी इस बात का वह उल्लेख कर चुके हैं।
अपनों के लिए सबकुछ कुर्बान करते थे
शिवमोहन सिंह ने कहा कि कुछ लोग उन्हें ब्राह्मण जाति का नेता बताते रहे लेकिन एक मित्र और राजनेता के रूप में हमारे जो अनुभव रहे उससे साफ जाहिर होता है कि वे किसी एक जाति के नेता नहीं थे। वह अपनों के नेता थे, जो उनसे जुड़ा था उसके लिए हर संभव मदद के लिए तैयार रहते थे, इस कारण उनकी अक्खड़ नेताओं के रूप में पहचान थी।
अर्जुन सिंह से प्रतिद्वंदिता बाहरी दुनिया के लिए थी
विंध्य में अर्जुन सिंह और श्रीनिवास एक ही दल के नेता थे, आम धारणा कार्यकर्ताओं की यह रही कि दोनों कट्टर प्रतिद्वंदी हैं, जबकि ऐसा केवल बाहरी दुनिया के लिए था। शिवमोहन कहते हैं कि एक बार हमने इस पर सवाल पूछ लिया, जो जवाब मिला वह अब तक किसी से साझा नहीं किया, आज स्मृति के रूप में बताना चाहूंगा कि उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह से अधिक अर्जुन सिंह ने बड़े कार्य किए। दिग्विजय हां करके टरकाते रहते थे लेकिन अर्जुन सिंह ने एक बार कहा तो उन्हें याद रहता था। गुवाहाटी से एक अफसर के तबादले की बात कही थी, बाद में उन्हें खुद भूल गया था लेकिन अर्जुन सिंह ने एक व्यक्ति के हाथ से तबादला आदेश की प्रति भिजवाई थी। कार्यकर्ताओं को दो गुटों में बांटकर दोनों ने पार्टी से जोड़े रखा। तिवारी का निधन व्यक्तिगत रूप से बड़ी क्षति है, शब्दों में पूरा बयान नहीं किया जा सकता। स्मृतियां मन में उभर कर सामने आ रही हैं।
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Mrigendra singh IMAGE CREDIT: Patrika
साथियों को राजनीति से जोड़ा
अपना अनुभव साझा करते हुए शिवमोहन सिंह कहते हैं कि पुलिस सेवा से रिटायर्ड होने के बाद श्रीनिवास तिवारी ने कहा कि राजनीति के माध्यम से समाज की सेवा बेहतर तरीके से की जा सकती है। मैं विधायक चुना गया, वह विधानसभा के अध्यक्ष रहे, बहुत कुछ सीखने को मिला।
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