रीवा जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बैकुण्ठपुर में गाजर घास एवं झाडिय़ां हैं। जिससे जहरीले जीव-जंतुओं के अस्पताल के अंदर घुसने का खतरा बना रहता है। साफ-सफाई नहीं होने से एक तो गंदगी रहती हैै और वहीं मरीजों को भी जहरीले कीड़ों को भय रहता है। बता दें कि आसपास के 84 गांव लोग इस अस्पताल के भरोसे हैं। लेकिन अस्पताल प्रबंधन परिसर से घाट एवं झाडिय़ों की सफाई नहीं करा रहा है। जबकि स्वच्छता अभियान के बड़े-बड़े दावे चिकित्सकों द्वारा ही किए जाते हैं। मरीजों और उनके परिजनों की मांग है कि अस्पताल परिसर की सफाई कराई जाए।
हजारों लीटर बर्बाद हो रहा पेयजल
अस्पताल परिसर में बनी पानी की टंकियों में पूरी तरह से काई लगी हुई है, जिससे टंंकी का पानी पीने लायक नहीं रहता। इसी तरह जल संरक्षण के प्रति स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा कोई भी ध्यान नहीं दिया जाता। पानी सप्लाई की पाइपें पूरी तरह से टूटी हुई हैं जिससे हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। अस्पताल प्रबंधन को जानकारी है लेकिन टूटी पाइप लाइन का सुधार नहीं कराया जा रहा है।