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जर्जर भवन का खौफ ऐसा, मैदान में पहुंच गई क्लास

locationरीवाPublished: Dec 05, 2021 09:27:09 pm

Submitted by:

Shivshankar pandey

शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय भगतपुरा का पांच साल से जर्जर है भवन, छत से गिरता है प्लास्टर

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Such is the fear of a dilapidated building, the class reached the grou

रीवा। शासकीय विद्यालयों में शिक्षा के भले ही बड़े-बड़े दावे किये जा रहे हो लेकिन जमीनी स्तर पर इन विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र सुविधाओं से वंचित है। अन्य सुविधाएं तो दूर बेहतर भवन तक की व्यवस्था नहीं है। ऐसा ही एक मामला संकुल केन्द्र देवतालाब अन्तर्गत शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय भगतपुरा का सामने आया है जहां पर जर्जर भवन का इस कदर खौफ परिजनोंं और शिक्षकों को है कि क्लास खुले मैदान में पहुंच गई है।
35 साल पुराना है विद्यालय का भवन
दरअसल उक्त विद्यालय का भवन करीब 35 साल पुराना है और पिछले पांच सालों से इस भवन की हालत अत्यंत दयनीय हो गई है। हर बरसात में पानी छत के अंदर रिसता है और भवन को जर्जर बना रहा है। विद्यालय की छत पर लगा प्लास्टर आए दिन टूटकर गिरता है जिससे अब कक्षाएं तक संचालित नहीं हो पा रही है। खुले मैदान में कई महीनों से कक्षाएं चल रही है जिसका असर शैक्षणिक व्यवस्थाओं पर पड़ रहा है। बड़ी मुश्किल से स्कूल में कक्षाएं संचालित हो रही है। ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी अधिकारियों को नहीं है।
डीईओ को लिखा था शिक्षकों ने पत्र
विद्यालय के शिक्षकों ने लिखित में भवन की जर्जर स्थिति की जानकारी देकर नए भवन का निर्माण करवाने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखा था लेकिन कोई पहल नहीं होने से व्यवस्था में कोई सुधार नहंी हो पाया है। मौजूदा समय विद्यालय का भवन जानलेवा स्थिति में है। दीवाल पूरी तरह से फट गई है और कमजोर छत का प्लास्टर टूटकर गिर रहा है लेकिन अधिकारी शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे है जिसके बाद भवन का निर्माण कार्य करवाया जाये।
पांच साल में आधी भी नहीं बची छात्र संख्या
जर्जर भवन के कारण पिछले पांच सालों में यहां छात्र संख्या आधी भी नहीं है। पांच साल पहले यहां कक्षा 1 से 8 तक 150 छात्र अध्ययनरत थे। उसके बाद छात्र संख्या 100 हुई और अब वर्तमान समय में 34 बच्चे विद्यालय में पढ़ रहे है। अभिभावकों ने स्पष्ट रूप से शिक्षकों को हिदायत दी है कि विद्यालय भवन के अंदर यदि वे बैठाकर पढ़ायेंगे तो अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे। हादसे के डर से अधिकांश अभिभावकों ने अपने बच्चों का नाम कटवाकर दूसरे विद्यालयों में लिखवा दिया है।
काफी समय से जर्जर है भवन
विद्यालय भवन की स्थिति काफी जर्जर है जिससे कक्षाएं बाहर मैदान में संचालित करनी पड़ रही है। जर्जर भवन की स्थिति के संबंध में जिला शिक्षा को अधिकारी को भी अवगत करवा दिया गया है। प्लास्टर टूटकर गिरता है जिससे बच्चे हादसे का शिकार हो सकते है।
सावित्री शुक्ला, प्रधानाध्यापक
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