रायपुर कर्चुलियान के नजदीक टेकहोम राशन बनाए जाने के लिए प्लांट स्थापित किया जा रहा है। इसका निर्माण अभी अधूरा है, जिसकी वजह से यहां पर पोषण आहार व अन्य सामग्री का निर्माण नहीं हो पा रहा है। अब तक जिले में पोषण आहार की सप्लाई की जिम्मेदारी भोपाल की संस्था को थी। लेकिन मार्च महीने की सप्लाई का आर्डर आजीविका मिशन को दिया गया। यहां पर अब जानकारी दी गई है कि प्लांट का निर्माण ही पूरा नहीं हुआ है, जिसकी वजह से पोषण नहीं बनाया जा सकता। विभाग को जानकारी मिलने पर अब शासन को पत्र भेजा गया है कि भोपाल स्तर से ही पहले की तरह सप्लाई की व्यवस्था बनाई जाए। माना जा रहा है कि मार्च महीने का पोषण आहार पहुंचने में अब करीब दो सप्ताह तक का समय लग सकता है। जानकारी दी गई है कि हर आगनबाड़ी केन्द्र को छह से आठ बोरी खाद्यान्न मिलता है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के फरवरी महीने की रिपोर्ट के अनुसार छह माह से तीन वर्ष तक के ब”ाों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं की सर्वेक्षित संख्या एक लाख 74 हजार 686 है। फरवरी में एक लाख 69 हजार 160 हितग्राहियों को टेक होम राशन के पोषण आहार का वितरण किया गया। वहीं तीन से छह वर्ष तक के ब”ाों एवं मंगल दिवस के हितग्राहियों की संख्या 1.26 लाख बताई गई है। इनमें से एक लाख सात हजार 621 हितग्राहियों को पोषण आहार का वितरण किया गया है।
रीवा जिले में 3434 आगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन हो रहा है। 15 परियोजनाओं के अधीन ये केन्द्र संचालित हो रहे हैं। जिसमें प्रमुख रूप से गंगेव-1 में 189, गंगेव-2 में 196, हनुमना एक में 243, हनुमना दो में 162, जवा में 279, मऊगंज में 313, नईगढ़ी में 319, रायपुर कर्चुलियान में 226, रायपुर कर्चुलियान दो में 126, रीवा ग्रामीण में 222, रीवा शहरी 183, रीवा-2 में 135, सिरमौर-1 में 288, सिरमौर-2 में 173, त्योंथर में 380 केन्द्र संचालित हैं। इसके साथ ही 568 मिनी आगनबाड़ी केन्द्र भी बनाए गए हैं।
–
—
पोषण आहार की सप्लाई अभी तक भोपाल की संस्था द्वारा किया जाता रहा है लेकिन इस बार पहडिय़ा के प्लांट से सप्लाई का निर्देश जारी हो गया था। यहां का प्लांट अभी निर्माणाधीन है। इसलिए शासन को पत्र भेजा है कि जब तक यहां का प्लांट पूरा नहीं हो जाता तब तक पहले जैसे ही व्यवस्था जारी रखें। प्रयास है कि समय पर पोषण आहार पहुंचाया जाए।
प्रतिभा पाण्डेय, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास रीवा