केन्द्र सरकार ने सर्वे के लिए स्वच्छता एप डाउनलोड कराने के लिए भी अंक निर्धारित कर दिए हैं। जिसके चलते यह महत्वपूर्ण विषय बन चुका है। एप के माध्यम से ही कचरे और गंदगी की शिकायत ली जा रही है।
4677 लोगों ने एप डाउनलोड किया
स्वच्छता एप डाउनलोड कराने के मामले में शहर काफी पीछे है। जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 4677 लोगों ने एप डाउनलोड किया है। सप्ताह भर पहले यह संख्या महज 823 थी। पिछड़ते आंकड़ों को देखते हुए कलेक्टर ने भी सभी अधिकारी, कर्मचारियों को निर्देशित किया है कि एप डाउनलोड करें। बताया जा रहा है कि उक्त में से करीब 1400 लोग ही एप का उपयोग कर रहे, शेष ने केवल अधिकारियों के दबाव में आकर लोड किया है। इसमें कई ऐसे लोग भी शामिल हैं जो एक बार दबाव में डाउनलोड तो कर रहे हैं और कुछ देर के बाद डिलीट कर देते हैं।
स्वच्छता एप डाउनलोड कराने के मामले में शहर काफी पीछे है। जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 4677 लोगों ने एप डाउनलोड किया है। सप्ताह भर पहले यह संख्या महज 823 थी। पिछड़ते आंकड़ों को देखते हुए कलेक्टर ने भी सभी अधिकारी, कर्मचारियों को निर्देशित किया है कि एप डाउनलोड करें। बताया जा रहा है कि उक्त में से करीब 1400 लोग ही एप का उपयोग कर रहे, शेष ने केवल अधिकारियों के दबाव में आकर लोड किया है। इसमें कई ऐसे लोग भी शामिल हैं जो एक बार दबाव में डाउनलोड तो कर रहे हैं और कुछ देर के बाद डिलीट कर देते हैं।
प्रायोजित शिकायतों के सहारे रैंकिंग की उम्मीद
सर्वे से पहले आनलाइन शिकायतों और उनके निराकरण की स्थिति भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इसके लिए भी अंक अलग-अलग निर्धारित हैं। निगम प्रशासन ने तीन एनजीओ को जागरुकता फैलाने के लिए लगा रखा है। आम आदमी स्वच्छता सर्वे से दूरी बनाए हुए है जिसके चलते एनजीओ के वर्कर ही खुद फोटो खींचकर शिकायतें करते हैं और उसका आनलाइन निराकरण भी कराते हैं। जितने भी फोटो कचरे की अपलोड की जा रही है वह निगम कार्यालय के आसपास की अधिक है। निगम आयुक्त ने शिक्षकों की बैठक ली थी जिसमें एप डाउलोड करने के लिए कहा गया और यह भी कहा कि ऐसी शिकायतें उसमें करें जो सहजता से हल की जा सकें। इस तरह की प्रायोजित शिकायतों के चलते सवालिया निशान लग रहे हैं।
सर्वे से पहले आनलाइन शिकायतों और उनके निराकरण की स्थिति भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इसके लिए भी अंक अलग-अलग निर्धारित हैं। निगम प्रशासन ने तीन एनजीओ को जागरुकता फैलाने के लिए लगा रखा है। आम आदमी स्वच्छता सर्वे से दूरी बनाए हुए है जिसके चलते एनजीओ के वर्कर ही खुद फोटो खींचकर शिकायतें करते हैं और उसका आनलाइन निराकरण भी कराते हैं। जितने भी फोटो कचरे की अपलोड की जा रही है वह निगम कार्यालय के आसपास की अधिक है। निगम आयुक्त ने शिक्षकों की बैठक ली थी जिसमें एप डाउलोड करने के लिए कहा गया और यह भी कहा कि ऐसी शिकायतें उसमें करें जो सहजता से हल की जा सकें। इस तरह की प्रायोजित शिकायतों के चलते सवालिया निशान लग रहे हैं।
रैंकिंग में हुआ सुधार, 57वें स्थान पर
हर दिन जारी हो रही सर्वे से पहले तैयारियों की आनलाइन रैंकिंग में रीवा की स्थिति में सुधार हुआ है। 56वें स्थान पर रीवा पहुंचा है। अब तक 1277 शिकायतें की गई हैं। जिसमें 795 का निराकरण भी किया गया है।
हर दिन जारी हो रही सर्वे से पहले तैयारियों की आनलाइन रैंकिंग में रीवा की स्थिति में सुधार हुआ है। 56वें स्थान पर रीवा पहुंचा है। अब तक 1277 शिकायतें की गई हैं। जिसमें 795 का निराकरण भी किया गया है।
क्यूसीआई ओडीएफ का फिर करेगी सत्यापन
शहर को खुले में शौच से मुक्त पिछले वर्ष ही घोषित किया जा चुका है। इस वर्ष उसका सत्यापन कराए जाने के लिए क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम फिर आएगी। इसके लिए 30 दिसंबर की तारीख निर्धारित की गई है। नगर निगम के आयुक्त ने सभी कर्मचारियों को इसकी तैयारी में उतार दिया है, अन्य कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं लेकिन इस सत्यापन से पहले सारी व्यवस्थाएं दुरुस्थ करने के लिए कहा गया है। निगम के अधिकारियों ने वार्डों में सुबह से ही भ्रमण किया और कई स्थानों पर खुले में शौच जाने वाले लोगों पर जुर्माना भी लगाया गया।
शहर को खुले में शौच से मुक्त पिछले वर्ष ही घोषित किया जा चुका है। इस वर्ष उसका सत्यापन कराए जाने के लिए क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम फिर आएगी। इसके लिए 30 दिसंबर की तारीख निर्धारित की गई है। नगर निगम के आयुक्त ने सभी कर्मचारियों को इसकी तैयारी में उतार दिया है, अन्य कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं लेकिन इस सत्यापन से पहले सारी व्यवस्थाएं दुरुस्थ करने के लिए कहा गया है। निगम के अधिकारियों ने वार्डों में सुबह से ही भ्रमण किया और कई स्थानों पर खुले में शौच जाने वाले लोगों पर जुर्माना भी लगाया गया।