– अपशिष्ट प्रसंस्करण के आधार पर तय होगी रेटिंग
स्व’छता सर्वेक्षण में इस बार जो गाइडलाइन जारी की गई है उसमें स्पष्ट है कि निकाय स्तर पर उत्सर्जित होने वाले अपशिष्ट प्रसंस्करण और निकाय की संवहनीय स्व’छता के लिए क्या तैयारियां हैं। सर्वे दल इन्हीं तैयारियों के आधार पर अपनी रिपोर्ट सब्मिट करेगा और उसी की व्यवस्थाओं के आधार पर रेटिंग दी जाएगी।
– निकाय स्तर पर ऐसी होगी रेटिंग
अपनी तैयारियों को लेकर नगर निगम पांच भागों में रेटिंग तैयार करेगा। जिसके लिए तैयारियां की जा चुकी हैं और कार्यों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। रीवा नगर निगम के अधिकारियों से कहा गया है कि गोल्ड और सिल्वर पर कैटेगरी की अनिवार्य रूप से तैयारियां की जाएं ताकि पिछले वर्ष की तरह खराब प्रदर्शन नहीं हो। जिन पांच कैटेगरी को निर्धारित किया गया है, वह प्रमुख हैं-
1-प्लेटिनम- यह कैटेगरी तब मानी जाएगी जब 95 प्रतिशत से अधिक वार्डों में स्त्रोत पर ही कचरा पृथक्कीकरण हो, निकाय के पास 91 प्रतिशत अपशिष्ट के लिए प्रसंस्करण क्षमता, निर्माण एवं विध्वंस कचरे का 50 प्रतिशत से अधिक प्रसंस्करण, दस प्रतिशत से कम कचरा लैंडफिल पर भेजा जाता हो।
2- गोल्ड- इसमें 75 प्रतिशत से अधिक वार्डों में स्त्रोत पर पृथक्कीकरण, कुल 81 प्रतिशत निकाय की कचरा प्रसंस्करण क्षमता, 91 प्रतिशत सूखे और गीले कचरे का प्रसंस्करण, निर्माण कचरे का 40 प्रतिशत से अधिक प्रसंस्करण, 15 प्रतिशत से कम कचरा लैंडफिल में भेजा जाना और ओडीएफ प्लस प्लस का प्रमाणीकरण होना चाहिए।
3- सिल्वर- इस कैटेगरी में वार्डों में 55 प्रतिशत स्त्रोत पर कचरा पृथक्कीकरण, निकाय के पास 71 प्रतिशत अपशिष्ट के लिए प्रसंस्करण क्षमता, सूखे-गीले कचरे का प्रसंस्करण 91 प्रतिशत तक, निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट का 30 प्रतिशत से अधिक प्रसंस्करण, शहर के 20 प्रतिशत से कम कचरा लैंडफिल में भेजा जाना।
4- ब्रांज- निकाय के 35 प्रतिशत से अधिक वार्डों में कचरे के स्त्रोत पर पृथक्कीकरण, शहर में 61 प्रतिशत से अधिक कचरे के प्रसंस्करण की क्षमता, सूखे-गीले कचरे का प्रसंस्करण 91 प्रतिशत, निर्माण और विध्वंस कचरे का 20 प्रतिशत से अधिक प्रसंस्करण, शहर का 25 प्रतिशत से कम कचरा लैंडफिल पर जा रहा हो। ओडीएफ प्लस का प्रमाणीकरण हो।
5- इस कैटेगरी में वह निकाय आएंगे जहां पर कचरे का स्त्रोत पर पृथक्कीकरण 15 से अधिक हो, 50 प्रतिशत अपशिष्ट के लिए प्रसंस्करण क्षमता, सूखे-गीले कचरे का 50 प्रतिशत से अधिक प्रसंस्करण, निर्माण एवं विध्वंस सामग्री का 10 प्रतिशत से अधिक प्रसंस्करण, लैंडफिल के लिए 25 प्रतिशत से कम कचरा भेजा जाता हो, साथ ही कम से कम ओडीएफ प्लस का प्रमाणीकरण भी होना चाहिए।
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