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दागी सब इंजीनियर को 200 ग्राम पंचायतों का प्रभार, आचार संहिता के दौरान गले नहीं उतर रही जिपं सीइओ की यह व्यवस्था

locationरीवाPublished: May 12, 2019 02:38:06 pm

Submitted by:

Rajesh Patel

जिला पंचायत के तत्कालीन जिपं सीइओ ने धीमी प्रगति पर रोकी दी है दो-दो वेतन वृद्धि, वर्तमान ने बढ़ाए प्रभार, पंचायत कर्मचारियों के गले नहीं उतर रही सब इंजीनियर की अचानक बढ़ी कार्यक्षमता

Case for illegal construction in Rewa

Case for illegal construction in Rewa

रीवा. जिला पंचायत कार्यालय में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। यही कारण है कि आचार संहिता लागू होने के बाद से लेकर मतदान के तीन दिन पहले तक दर्जनों की संख्या में पंचायत कर्मचारियों प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्षरूप से प्रभावित किया गया। हैरान करने वाली बात तो यह कि दागी सब इंजीनियर (सहायक उपयंत्री) को जिला पंचायत कार्यालय सीइओ कार्यालय ने रीवा, रायपुर कर्चुलियान जनपद में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (आरइएस) विभाग के सहायक यंत्री (असिस्टेंट इंजीनियर) का प्रभार दे दिया गया है। इसके अलावा कई सीएफटी केन्द्रों का सहायक उपयंत्री की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। जिसको लेकर सब इंजीनियरों में असंतोष है।
लापरवाही बरते जाने पर दो-दो वेतन वृद्धियां रोक दी थी
जिला पंचायत कार्यालय के तत्कालीन जिपं सीइओ मयंक अग्रवाल ने मनरेगा की समीक्षा के दौरान जनपद पंचाायत रीवा से जुड़ी सीएफटी टीकर एवं लक्ष्मणपुर के उपयंत्री अनिल तिवारी को पंचायत की योजनाओं में लापरवाही बरते जाने पर दो-दो वेतन वृद्धियां रोक दी थी। मंयंक अग्रवाल का चुनाव के दौरान स्थानांतरण हो गया। जिला पंचायत कार्यालय के अनुसार कार्रवाई के डेढ़ माह के भीतर ही वर्तमान जिपं सीइओ ने रीवा जनपद के सहायक यंत्री अमूल्य खरे को कार्यालय में अटैच कर सहायक उपयंत्री अनिल तिवारी को रीवा और रायपुर कर्चुलियान जनपद मुख्यालय पर सहायक यंत्री को कार्य सौंप दिया गया। दागी कर्मचारी की कार्य क्षमता डेढ़ माह के भीतर ही बेहतर हो गई। जिपं सीइओ की यह कार्रवाई कार्यालय के कर्मचारियों के गले नहीं उतर रही है।
उपयंत्री को दो ब्लॉकों का एई
सहायक उपयंत्री को दो ब्लाक का सहायक यंत्री का प्रभार दिए जाने से इंजीनियरों में असंतोष है। इसके अलावा आचार संहिता लागू होने के बाद से लेकर अब तक दर्जनों की संख्या में कर्मचारियों के कार्य क्षेत्र में फेरबदल कर दिया गया। जिला पंचायत कार्यालय में कार्य विभाजन के साथ ही जनपद व पंचायत स्तर पर भी कर्मचारियों को प्रभावित किया। भ्रमण के दौरान कई ग्राम पंचायत रोजगार सहायकों के कार्य क्षेत्र में फेरबदल के साथ कार्रवाई भी की गई है। बताया गया कि आचार संहिता लागू होने के बाद जिला पंचायत कार्यालय से लेकर जनपद पंचायत कार्यालय तक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्षरूप से कर्मचारियों को प्रभावित किया गया।
चुनाव आयोग के यह हैं निर्देश
संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राजेश कौल ने लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होते ही गाइड लाइन जारी की है कि चुनाव की घोषणा होते ही चुनाव कार्य से जुड़े हुए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष अधिकारियों व कर्मचारियों के स्थानांतरण पर रोक रहेगी। यदि स्थानांतरण पूर्व में हो चुका है और वह भारमुक्त नहीं हुए हैं तो उन्हें आचार संहिता समाप्त होने तक नवीन पदस्थापना के लिए भारमुक्त नहीं किया जाएगा।
वर्जन…
ऐसा हुआ नहीं है, अगर ऐसा हुआ है जो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
एचएस मीणा, जिपं सीइओ

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