1980 में खींचा गया था तार
बताया गया है कि तेंदुन, नेबूहा, बड़ीहर्दी में 1980 में एलटी लाइन खींची गई थी। इस लाइन में अभी भी वही पुराने तार लगे हुए हैं। जिनमेें जगह-जगह ज्वाइंट है और वे जर्जर हो चुके हैं। गावं के लोगों ने इस ढीले तारों में बांस-बल्ली लगाया गया है। तार नीचे तक झूलते हैं जिससे खेतों में काम करने में खतरा है। वहीं तेज हवा चलने से तार आपस में टकराते हैं जिससे चिंगारी उठती है, जो खतरनाक हो सकती है। इसके चलतें ही आएदिन फाल्ट जैसी समस्या बनी रहती है। इस लाइन का केबलीकरण किया जाना चाहिए।
यादव बस्ती में नहीं पहुंची बिजली
सौभाग्य योजना के तहत भी यादव बस्ती में बिजली नहीं पहुंची है। जिससे लेाग परेशान हैं, जबकि कई बार विभाग के अधिकारियों को जानकारी दी गई है। बताया गया है कि तेेंदुन गावं की यादव बस्ती में खंभें नहीं होने के कारण बांस-बल्ली के सहारे तार खींचकर बिजली पहुंचाई गई है। इससे हमेशा खतरा बना रहता है। गांव के लोगों ने मांग की है कि खंभे गाड़कर बस्ती में बिजली पहुंचाई जाए।
बताया गया है कि तेंदुन, नेबूहा, बड़ीहर्दी में 1980 में एलटी लाइन खींची गई थी। इस लाइन में अभी भी वही पुराने तार लगे हुए हैं। जिनमेें जगह-जगह ज्वाइंट है और वे जर्जर हो चुके हैं। गावं के लोगों ने इस ढीले तारों में बांस-बल्ली लगाया गया है। तार नीचे तक झूलते हैं जिससे खेतों में काम करने में खतरा है। वहीं तेज हवा चलने से तार आपस में टकराते हैं जिससे चिंगारी उठती है, जो खतरनाक हो सकती है। इसके चलतें ही आएदिन फाल्ट जैसी समस्या बनी रहती है। इस लाइन का केबलीकरण किया जाना चाहिए।
यादव बस्ती में नहीं पहुंची बिजली
सौभाग्य योजना के तहत भी यादव बस्ती में बिजली नहीं पहुंची है। जिससे लेाग परेशान हैं, जबकि कई बार विभाग के अधिकारियों को जानकारी दी गई है। बताया गया है कि तेेंदुन गावं की यादव बस्ती में खंभें नहीं होने के कारण बांस-बल्ली के सहारे तार खींचकर बिजली पहुंचाई गई है। इससे हमेशा खतरा बना रहता है। गांव के लोगों ने मांग की है कि खंभे गाड़कर बस्ती में बिजली पहुंचाई जाए।