दो दिन से विंध्य क्षेत्र में हो रही बारिश से गेहूं और प्याज की फसल को भारी क्षति पहुंची है। किसानों की मानें तो फरवरी-मार्च में खेतों पर बीच डालने वाले के बाद प्याज की फसल मई की शुरुआत में ही आ गई थी। ऐसे में मौसम को देखते हुए कई किसान खेतों से प्याज का उखड़वाकर घर के अंदर रखने की वाले थे कि बारिश ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया। किसानों का दावा है कि खेत से निकलने के बाद प्याज पर यदि पानी पड़ता है तो वह जल्द ही सड़ जाती है।
विंध्य समेत प्रदेश के कई हिस्सों में ताऊते तूफान ने सरकारी गेंहूं क्रय केंद्रों में बरती जा रही लापरवाही को भी उजागर कर दिया है। आलम यह है कि पिछले दो दिनों से हो रही बारिश में क्रय केंद्रों में खुले में रखा लाखों क्विंटल गेहूं भीग गया। बताया जा रहा है कि सतना जिले में ज्यादा क्षति हुई है।
किसानों की मानें तो नान केधिकारियों की लापरवाही के कारण खुले में रखा 150 करोड़ से ज्यादा मूल्य का गेहूं भीग गया है। इसमें सतना जिले का अकेले 120 करोड़ तो रीवा का करीब 30 करोड़ से ज्यादा का गेहूं भीगा है। आरोप है कि पिछले 15 दिनों से समर्थन मूल्य पर फसल विक्रय का इंतजार करने वाले किसानों के लिए सरकार की किसान हितैषी महत्वाकांक्षी योजना गले की फांस बनती जा रही है।
सतना जिले के 137 खरीदी केंद्रों का बुरा हाल
पीड़ित किसानों ने बताया कि दिन रात किसान ट्रैक्टर और ट्रालियों में अनाज लेकर उपार्जन केंद्रों में रतजगा कर रहे है। केंद्रों में कभी वारदानों की समस्या तो कभी बेमौसम बारिश के चलते अनाज की तौल नहीं हो पा रही। ये एक केंद्र का हाल नहीं, कमोबेश जिलेभर के 137 केंद्रों का यही हाल है। कछुआ चाल से हो रहे परिवहन का खामियाजा समितियों व किसानों को उठाना पड़ रहा है।
इन केंद्रों में भींगा गेहूं
जानकारी के मुताबिक सोमवार को हुई बारिश से लाखों क्विंटल गेहूं बारिश की भेंट चढ़ गया। इसमें अमरपाटन के देवरी व जगदीशपुर में सबसे ज्यादा स्थिति खराब रही। वहीं अबेर, कोटर, में ट्रैक्टर ट्रालियां में रखा गेहूं भीग गया, जबकि तिहाई, मिगरौती, बड़ा इटमा, पिथैराबाद सहित अन्य केंद्रों में भी बारिश के कारण गेहूं भीगा है।