इस मामले में अस्पताल के सीएमओ ने कहा है कि मामले की जांच कराई जाएगी और आरोप पुष्ट होने पर संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई होगी। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने कान की जगह दिमाग का ऑपरेशन कर दिया है। साथ ही ऑपरेशन के दौरान एनेस्थीसिया का ओवरडोज दे दिया जिससे किशोरी होश में नहीं आई और उसकी मौत गई।
बताया जाता है कि बच्ची (आंचल विश्वकर्मा, 17 वर्ष) को कान में तकलीफ होने के कारण संजय गांधी अस्पताल में भर्ती 17 नवंबर को भर्ती कराया गया था। जहां डाक्टरों ने ऑपरेशन का परमार्श दिया था। लेकिन तब मशीन खराब होने के कारण ऑपरेशन नहीं हो सका। पिछले दिनों ऑपरेशन हुआ तो परिजनों के अनुसार डॉक्टरों ने कान की जगह दिमाग का ऑपरेशन कर दिया है। ऑपरेशन के दौरान बालिका की मौत हो गई। इसके बाद भी डाक्टर खून की मांग कर रहे थे। घटना के बाद परिजन भड़क गये और हंगामा करने लगे। परिजनों ने आरोप लगाया है कि डॉक्टरों द्वारा बच्ची को एनेस्थीसिया का ओवरडोज दिया गया। जिसके बालिका होश में नहीं आई और उसकी मौत हो गई। आरोप है कि बच्ची की मौत के बाद भी डॉक्टर खून की मांग करते रहे। इस पर वे भड़क गए और हंगामा करने लगे।
किशोरी की मौत के बाद परिजनों ने संजय गांधी अस्पताल में जमकर हंगामा किया। अस्पताल के गेट पर बच्ची का शव रखकर ऑपरेशन करने वाली डाक्टरों की टीम को बर्खास्त करने की मांग की। हंगामा अगले दिन भी जारी रहा। परिजनों ने मौके पर कलेक्टर व कमिश्नर को बुलाने की। हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने इन आरोपों को गलत बताया है।
“स्वजन ने लापरवाही का आरोप लगाया है जबकि ऑपरेशन गलत होने की बात पूरी तरह गलत है। मामले की जांच की जा रही है। दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।”-डॉ अतुल सिंह, सीएमओ, संजय गांधी अस्पताल रीवा