सभी गेट दो-दो मीटर खोले गए हैं। इनसे 1.45 लाख क्यूसेक छोड़ा जा रहा है। इस बांध के पानी की निगरानी जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों द्वारा की जा रही है। भोपाल से भी हर घंटे रिपोर्ट मांगी जा रही है। इसके पानी पर केवल मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश और बिहार पर भी नजर है। जो पानी सोन नदी में छोड़ा जा रहा है, वह बिहार जाएगा। इसके पहले कई बार बाणसागर बांध का पानी बिहार में तबाही मचा चुका है। इसलिए सरकार की भी नजर इस पानी पर बनी हुई है।
बाणसागर बांध बीते कई वर्षों से सितंबर महीने में ही पूरी तरह से भरता रहा है। इस वर्ष पानी की आवक जुलाई और अगस्त के महीने में कम होने की वजह से देर से भरा है। इस बांध की जलभराव क्षमता 341.64 मीटर है। जानकारी मिली है कि निचले हिस्से के क्षेत्रों में प्रशासन द्वारा अलर्ट जारी किए जाने के चलते सोन नदी के किनारे कर्मचारियों को नियमित भ्रमण करने के लिए भी कहा गया है।
पानी की आवक घटने पर बंद किए जाएंगे गेट
बाणसागर बांध में पानी के आवक की समीक्षा लगातार की जा रही है। जलसंसाधन के भोपाल स्थित अधिकारियों ने निर्देश दिया है कि जलभराव क्षमता के अनुरूप पानी बांध में रहे, यह लेवल भी मेंटेन करना है। इसलिए पानी की आवक कम होते ही गेट बंद किए जाएंगे। पूर्व के वर्षों में भी यही होता रहा है कि 341.64 मीटर के डेंजर जोन तक पानी का लेवल मेंटेन किया जाता रहा है। बिहार ने अपने हिस्से का पानी नहीं मांगा है, लेकिन बांध में जलभराव की क्षमता को देखते हुए दस गेट खोल दिए गए हैं।
बाणसागर बांध में पानी के आवक की समीक्षा लगातार की जा रही है। जलसंसाधन के भोपाल स्थित अधिकारियों ने निर्देश दिया है कि जलभराव क्षमता के अनुरूप पानी बांध में रहे, यह लेवल भी मेंटेन करना है। इसलिए पानी की आवक कम होते ही गेट बंद किए जाएंगे। पूर्व के वर्षों में भी यही होता रहा है कि 341.64 मीटर के डेंजर जोन तक पानी का लेवल मेंटेन किया जाता रहा है। बिहार ने अपने हिस्से का पानी नहीं मांगा है, लेकिन बांध में जलभराव की क्षमता को देखते हुए दस गेट खोल दिए गए हैं।