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हजारों श्रमिकों में दिखा उत्साह, समय से पहले टारगेट पूरा, बंद होगा तेंदूपत्ता संग्रहण

locationरीवाPublished: Jun 02, 2019 09:45:11 am

Submitted by:

Mrigendra Singh

– सीधी के अलावा संभाग के अन्य जिलों में अधिक तेजी से हुई पत्ते की तोड़ाई- अधिक उत्पादन से ठेकेदारों को कम रेट मिलने का सता रहा डर

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tendupatta collection in rewa division madhya pradesh


रीवा। मौसम में लगातार आए बदलाव के बावजूद इस बार तेंदूपत्ते का संग्रहण तेजी के साथ हुआ है। मई महीने में ही कई जिलों का टारगेट पूरा हो चुका है अब यहां पर संग्रहण बंद करने की तैयारी की जा रही है। आधिकारिक तौर पर विभाग की ओर से कोई आदेश तो जारी नहीं किया गया है लेकिन मैदानी स्तर के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि ठेकेदारों को निर्देशित करें कि वह अब पत्ते का संग्रहण रोक दें।
इस बार अप्रेल के आखिरी सप्ताह मेें लगातार मौसम में बदलाव आया और बारिश भी हो गई। उसी दौरान पेड़ों में पत्ते आना शुरू ही हुए थे। इसके बाद फिर कड़ी धूप होने लगी, जिसका असर पत्तों पर पड़ा। कई क्षेत्रों से शिकायतों आई कि बारिश के कारण पत्तों में गठान या फिर छेंद हो गए हैं, जिससे वह संग्रहण के योग्य नहीं हैं। विभाग के अधिकारियों ने इस पर श्रमिकों से भी कहा था कि उनके खराब पत्ते नहीं लिए जाएंगे।
संग्रहण केन्द्रों में पत्तों का परीक्षण कर ही स्वीकार किया जा रहा था। जिन केन्द्रों में वन विभाग स्वयं संग्रहण करा रहा था, वहां पर शिकायतें भी आई थी कि कुछ कर्मचारी खराब पत्ते भी स्वीकार कर रहे हैं। इसके लिए अलग से अधिकारियों को जांच करने के लिए भेजा गया था। विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस वर्ष २५०० रुपए मानक बोरा की दर से तेंदूपत्ते की खरीदी हो रही है, इसलिए अधिक संख्या में श्रमिक आ रहे हैं और समय से पहले ही टारगेट पूरा हो चुका है। रीवा और सतना का टारगेट पूरा हो चुका है और सीधी-सिंगरौली का भी इसी सप्ताह पूरा होने का अनुमान है।
– 17 करोड़ का भुगतान भी पूरा
वन वृत्त रीवा के अंतरगत आने वाले रीवा, सतना, सीधी एवं सिंगरौली जिलों में भुगतान को लेकर भी इस बार तेजी बताई गई है। पूर्व में बैंक खातों में भुगतान होता था, जिसमें कई दिनों का समय लग जाता था। इस बार सप्ताह भर के पहले अनिवार्य रूप से नकदी का भुगतान किया जाना है। विभाग का दावा है कि तीन से चार दिन में ही भुगतान किया जाता रहा है। अब तक 17.18 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। जिसमें रीवा जिले में 1.37 करोड़, सतना में 3.03 करोड़, सीधी में 2.63 करोड़, सिंगरौली में 10.16 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। जानकारी के अनुसार कुल भुगतान के टारगेट का अब तक 16.37 प्रतिशत ही भुगतान हुआ है। जून के पहले सप्ताह में 60 फीसदी से अधिक भुगतान कराने का दावा किया जा रहा है।

– पत्तों की कालाबाजारी नहीं रोक पाया विभाग
पत्तों की कालाबाजारी इस वर्ष भी सामने आई है। हनुमना, मऊगंज, डभौरा, सेमरिया, चाकघाट, गोविंदगढ़ आदि क्षेत्रों से शिकायतें आई थी कि उत्तर प्रदेश के कुछ बीड़ी ठेकेदारों के दलाल सक्रिय हैं और वाहनों में भरकर पत्ते यहां से ले जा रहे हैं। इसमें वन विभाग के सीमावर्ती नाकों में पदस्थ कर्मचारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए थे लेकिन जब संग्रहण केन्द्रों में पत्तों की आवक तेज हुई तो ठेकेदारों की ओर से भी कोई आपत्तियां बाद में नहीं उठाई गई।
वन वृत्त रीवा में यह है संग्रहण की स्थिति
जिला- – टारगेट- – संग्रहण
रीवा- – 37300– – 37419
सतना– 84000- – 85819
सीधी- 135100- — 112219
सिंगरौली- 213200- – 198518
– नोट- संख्या मानक बोरा में है….

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