वन वृत्त रीवा के अंतरगत आने वाले रीवा, सतना, सीधी एवं सिंगरौली जिलों में भुगतान को लेकर भी इस बार तेजी बताई गई है। पूर्व में बैंक खातों में भुगतान होता था, जिसमें कई दिनों का समय लग जाता था। इस बार सप्ताह भर के पहले अनिवार्य रूप से नकदी का भुगतान किया जाना है। विभाग का दावा है कि तीन से चार दिन में ही भुगतान किया जाता रहा है। अब तक 17.18 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। जिसमें रीवा जिले में 1.37 करोड़, सतना में 3.03 करोड़, सीधी में 2.63 करोड़, सिंगरौली में 10.16 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। जानकारी के अनुसार कुल भुगतान के टारगेट का अब तक 16.37 प्रतिशत ही भुगतान हुआ है। जून के पहले सप्ताह में 60 फीसदी से अधिक भुगतान कराने का दावा किया जा रहा है।
– पत्तों की कालाबाजारी नहीं रोक पाया विभाग
पत्तों की कालाबाजारी इस वर्ष भी सामने आई है। हनुमना, मऊगंज, डभौरा, सेमरिया, चाकघाट, गोविंदगढ़ आदि क्षेत्रों से शिकायतें आई थी कि उत्तर प्रदेश के कुछ बीड़ी ठेकेदारों के दलाल सक्रिय हैं और वाहनों में भरकर पत्ते यहां से ले जा रहे हैं। इसमें वन विभाग के सीमावर्ती नाकों में पदस्थ कर्मचारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए थे लेकिन जब संग्रहण केन्द्रों में पत्तों की आवक तेज हुई तो ठेकेदारों की ओर से भी कोई आपत्तियां बाद में नहीं उठाई गई।
जिला- – टारगेट- – संग्रहण
रीवा- – 37300– – 37419
सतना– 84000- – 85819
सीधी- 135100- — 112219
सिंगरौली- 213200- – 198518
– नोट- संख्या मानक बोरा में है….