मूलनिवासी संघ, बहुजन समाज के कार्यकर्ताओं सहित विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी जुलूस के साथ दोपहर १.४० बजे कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। गेट पर गार्ड ने रोकने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारी भीतर प्रवेश कर गए। पुलिस ने बेरिकेटिंग लगाकर उन्हें पार्क के पास रोक दिया। नायब तहसीलदारों ज्ञापन देने से इंकार कर दिया। बाद में तहसीलदार जितेन्द्र त्रिपाठी पहुंचे। प्रदर्शनकारी कलेक्टर को ज्ञापन देने पर अड़े रहे। तहसीलदार ने कहा पूरी भीड़ से कलेक्टर मैडम नहीं मिलेंगी।
दो-चार लोग प्रतिनिधि के रूप में चलिए मिलवा देंगे। बात नहीं बनी तो नाराज तहसीलदार ने कहा गेट के बाहर चलिए। तहसलदार ने सख्ती बरतने की कोशिश की तो युवकों ने संविधान विरोधी मुरदाबाद के नारे लगाने लगे। इस बीच तहसीलदार के बेतुके बोल पर युवक भडक़ गए, तहसीलदार और प्रदर्शनकारियों के बीच नोकझोक होने लगी। पुलिस मानमनौव्वल में जुट गई। युवकों का तेवर देख तहसीलदार शांत हो गए।
बाद में हुजूर एसडीएम बलवीर रमण ने कलेक्टर को मीटिंग में होने की बात कहकर समझाइस दी। करीब डेढ़ घंटे के बाद कलेक्टर प्रीति मैथिल ज्ञापन लेने पहुंचीं। इस दौरान अमित कर्नल, दिनेश ओबीसी सहित मूलनिवासी संघ के महासचिव पुष्पेंद्र पटेल, धिरेन्द्र विसर्जन, आस्तिक पटेल, वीपी सिंह, दिनेश डायमंड, दिनेश ओबीसी, शैलेन्द्र, रजनीश सहित सैकड़ों की संख्या में युवा मौजूद रहे।
मूलनिवासी संघ की ओर से राज्यपाल को संबोधित जिला प्राशासन को पांच सूत्रीय ज्ञापन दिया गया है। ज्ञापन में मूलनिवासी एवं बहुजन समाज के युवाओं ने कहा कि देश में संविधान के अनुरूप लोकतांत्रिका व्यवस्था की मांग उठाई। इसके अलावा गत ९ अगस्त को दिल्ली के जंतर-मंतर में संविधान की प्रतियां जलाने वालों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराने डा.ॅ भीमराव अंबेडकर के अपमान पर एससी-एसटी एक्ट तहत प्रकरण दर्ज करने की मांग की।
कलेक्टर ने पुलिसकर्मियों को लगाई फटकार
कलेक्ट्रेट परिसर के मुख्य गेट में प्रदर्शनकारियों के प्रवेश करने पर कलेक्टर ने सिपाहियों को कड़ी फटकार लगाई और चेतावनी दी कि अगली बार ऐसी गलती न हो। कलेक्टर ने गार्डों को भी चेताया कि प्रदर्शनकारियों को गेट के बाहर रखा जाए।