scriptटोंस हाइडल प्रोजेक्ट की नहरें 19 वर्ष से नहीं हुई साफ, बिजली उत्पादन में आ रही बड़ी समस्या | The canals of the Tons Hydel Project have not been cleared for 19 year | Patrika News

टोंस हाइडल प्रोजेक्ट की नहरें 19 वर्ष से नहीं हुई साफ, बिजली उत्पादन में आ रही बड़ी समस्या

locationरीवाPublished: Jun 17, 2019 01:51:47 pm

Submitted by:

Mrigendra Singh

-सिरमौर में जलसंसाधन विभाग पावर चैनल की नहर जोडऩे कर रहा काम-लंबे समय से टीएचसी की नहरों में नहीं हुई सफाई

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The canals of the Tons Hydel Project have not been cleared for 19 years, the big problem in power generation

रीवा। बाणसागर बांध का पानी इनदिनों बीहर नदी में आना बंद हो गया है। जिससे नदी सूख गई है, इसका प्रभाव सीधे सिरमौर के टोंस हाइडल पॉवर प्लांट तक नजर आने लगा है। प्लांट में जिन नहरों से पानी पहुंचता है, उनमें बड़ी मात्रा में मलबा जमा हो गया है। अब पानी बंद होने के चलते नहरें भी सूखने लगी हैं और मलबा भी नजर आने लगा है।
पूर्व में टोंस हाइडल कार्पोरेशन के अधिकारियों की ओर से कहा गया था कि जब पानी बंद होगा उसी दौरान प्लांट का मेंटेंनेंस और नहरों की सफाई का कार्य प्रारंभ होगा। इसके लिए टीएचसी और जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों के बीच करीब दो महीने से इस बात के लिए सहमति नहीं बन पा रही थी कि पानी कब से बंद कराना है। जलसंसाधन विभाग को त्योंथर बहाव की नहर को टीएचसी सिरमौर के पॉवर चैनल कैनाल से जोड़ा जाना है ताकि बिजली उत्पादन के बाद जो पानी बचे वह टमस नदी में जाने के बजाय नहरों के माध्यम से सीधे किसानों के खेत तक पहुंच सके। इसके लिए करीब 60 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च हुई है।
उधर जलसंसाधन विभाग ने नहर जोडऩे का कार्य प्रारंभ कर दिया है, इसे करीब दस से पंद्रह दिन का समय लगने का अनुमान है। वहीं टीएचसी की नहरों की सफाई का कार्य अब तक प्रारंभ नहीं हो सका है। अब जल्द ही बरसात का मौसम आने वाला है ऐसे में नदी का जलस्तर बढ़ेगा और प्लांट परिसर में पानी की आवक बढऩे से नहरों की सफाई का कार्य हो पाना मुश्किल होगा।
– 19 वर्ष से मलबा नहीं हुआ साफ
टोंस हाइडल पॉवर प्लांट परिसर में नहरों की सफाई का कार्य 19 वर्ष से नहीं हुआ है। इसके पहले वर्ष 2000 में यह कार्य हुआ था जिसमें करीब महीने भर का समय लगा था। अब फिर से बड़ी मात्रा में मिट्टी, बालू और कंकड़ का मलबा जमा हो गया है। जिसकी सफाई में कई दिनों का समय लगेगा।
– टेंडर प्रक्रिया में अटका मामला
प्लांट के मेंटेनेंस और नहरों की सफाई के साथ ही अन्य कई कार्यों का टेंडर भी टीएचसी द्वारा जारी किया गया है। बताया जा रहा है कि इसकी प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। इसमें करीब चार करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च की जानी है। कार्पोरेशन के अधिकारियों का दावा है कि टेंडर होने के बाद व्यवस्थित तरीके से पूरी प्रक्रिया होगी। कहा गया है कि इसके लिए बरसात का भी कोई असर नहीं पड़ेगा। जो कंपनी इस कार्य का ठेका लेगा वह तकनीकी के सहारे मलबा साफ करेगी और प्लांट का उत्पादन भी बंद नहीं होगा।

नहर में लंबे समय का मलबा है, यह तात्कालिक कार्य नहीं है। इसलिए इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया जबलपुर से अपनाई जा रही है। बाणसागर का पानी बंद है, कुछ सहूलियत जरूर होती लेकिन तकनीकी के सहारे बहते पानी से भी निकाला जा सकेगा।
एमएल अहिरवार, एसइ-टीएचसी
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