टोंस हाइडल पॉवर प्लांट परिसर में नहरों की सफाई का कार्य 19 वर्ष से नहीं हुआ है। इसके पहले वर्ष 2000 में यह कार्य हुआ था जिसमें करीब महीने भर का समय लगा था। अब फिर से बड़ी मात्रा में मिट्टी, बालू और कंकड़ का मलबा जमा हो गया है। जिसकी सफाई में कई दिनों का समय लगेगा।
प्लांट के मेंटेनेंस और नहरों की सफाई के साथ ही अन्य कई कार्यों का टेंडर भी टीएचसी द्वारा जारी किया गया है। बताया जा रहा है कि इसकी प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। इसमें करीब चार करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च की जानी है। कार्पोरेशन के अधिकारियों का दावा है कि टेंडर होने के बाद व्यवस्थित तरीके से पूरी प्रक्रिया होगी। कहा गया है कि इसके लिए बरसात का भी कोई असर नहीं पड़ेगा। जो कंपनी इस कार्य का ठेका लेगा वह तकनीकी के सहारे मलबा साफ करेगी और प्लांट का उत्पादन भी बंद नहीं होगा।
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नहर में लंबे समय का मलबा है, यह तात्कालिक कार्य नहीं है। इसलिए इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया जबलपुर से अपनाई जा रही है। बाणसागर का पानी बंद है, कुछ सहूलियत जरूर होती लेकिन तकनीकी के सहारे बहते पानी से भी निकाला जा सकेगा।
एमएल अहिरवार, एसइ-टीएचसी