कमिश्नर ने जन्म से लेकर 5 वर्ष तक के समस्त बच्चों की बाल मृत्यु की सतत समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि बाल मृत्यु दर को कम करने के लिए प्रदेश में होने वाली समस्त बाल मृत्यु की रिपोर्टिंग एवं समीक्षा किया जाना अति आवश्यक है। बाल मृत्यु समीक्षाए बाल मृत्यु के कारणों में चिकित्सकीय, सामाजिक, भौगोलिक एवं आर्थिक विभिन्नता को समझने और इस प्रकार विशिष्ट बाल स्वास्थ्य कार्यक्रमों की शुरूआत करने के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीति है।
कमिश्नर ने समुदाय एवं संस्था आधारित दो प्रकार से बाल मृत्यु की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। जिसमें भौगोलिक क्षेत्र में होने वाली मृत्यु की सूचना आशा द्वारा बाल मृत्यु के 24 घण्टे के भीतर चिकित्सा अधिकारी एवं संबंधित उप स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ एएनएम को फोन पर दी जाएगी जिसकी जानकारी रजिस्टर में संधारित कर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। बाल मृत्यु के कारणों की प्रथम संक्षिप्त जांच रिपोर्ट तथा विस्तृत जांच रिपोर्ट तैयार की जाएगी। कमिश्नर ने संस्था में मृत अवस्था में आने वाले प्रकरणों की बाल मृत्यु की समीक्षा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार करने के भी निर्देश दिये हैं। बाल मृत्यु समीक्षा की प्रविष्टियां सीडीआर सॉफ्टवेयर में करने के दायित्व भी संबंधितों को दिये गये हैं।
बाल मृत्यु की समीक्षा करें
कमिश्नर ने बाल मृत्यु की समीक्षा के लिए विभिन्न स्तरों पर बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विकासखण्ड स्तर, जिला चिकित्सालय, चिकित्सा महाविद्यालय, जिला मुख्यालय तथा जिला स्वास्थ्य समिति स्तर पर बैठकें आयोजित कर बाल मृत्यु की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही बाल मृत्यु के संबंध में अधिसूचना कार्ड, प्रथम संक्षिप्त जांच रिपोर्ट, वर्बल ऑटोप्सी समीक्षा प्रपत्र, सोशल ऑटोप्सी समीक्षा प्रपत्र, बच्चे के उपचार के लिए व्यय की गई राशि की जानकारी, बाल मृत्यु विवरण, टीकाकरण विवरणए, उपचार का विवरण शिशु के भर्ती के समय उसकी स्थिति तथा मृतक बच्चे के रेफरल विवरण सहित अन्य पत्रकों को भरने के निर्देश दिए हैं।