प्रदेश के दूसरे शहरों में महिलाओं के लिए विशेष पार्क नहीं है। रीवा ही ऐसा स्थान होगा जहां पर केवल महिलाओं के लिए पार्क बनाया जा रहा है। जिसमें स्थानीय लोगों का तो सहयोग है, लेकिन नगर निगम प्रशासन अनदेखी कर रहा है। इस बीच महापौर ने कहा कि उन्हें तो इसकी जानकारी ही नहीं। इतना सुनते ही पार्षद नाराज हो गईं और कहा कि फिर किसलिए महापौर के पद पर हैं जब इतनी भी जानकारी नहीं होती। महापौर ने कहा कि आयुक्त फाइल ही नहीं दिखाते इसलिए हर कार्य की जानकारी नहीं हो पाती।
काफी देर तक दोनों के बीच कहासुनी हुई और महापौर फिर वापस चली गईं। इसके पहले महापौर ने धरना समाप्त करने की अपील करते हुए कहा कि पेयजल की पाइपलाइन डालने वाली कंपनी सीएमआर के अधिकारियों से बात हुई तो उन्होंने कहा ह ैकि पाइप खत्म हो चुकी है, स्टाक नया आते ही काम प्रारंभ कर दिया जाएगा। महापौर के इस आश्वासन के बावजूद वह धरने पर डटी रहीं। इसके पहले नगर निगम के अधीक्षण यंत्री शैलेन्द्र शुक्ला भी पहुंचे थे और निर्माण कार्य प्रारंभ कराने का आश्वासन दिया लेकिन पार्षद अपनी मांगों पर अड़ी रहीं कि पहले कार्यप्रारंभ किया जाए, इसके बाद ही वह धरने से उठेंगी।