पत्रिका अभियान के तहत पिछले चार सप्ताह से हर रविवार को लक्ष्मणबाग और किला के बीच बिछिया नदी में श्रमदान किया जा रहा है। नदी को बचाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षक, पर्यावरण विद, समाजसेवी संठनों के साथ ही शहर के लोग आगे आए। अब सरकार भी बिछिया नदी को बचाने के लिए आगे आयी है। नदी पुर्नबहाव योजना में बिछिया को शामिल कर लिया है। कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव ने बिछिया नदी को पुर्नजीवन की समीक्षा की। इस दौरान जिला पंचायत अधिकारियों के द्वारा तैयार किए गए डीपीआर पर अफसरों ने मंथन किया। अधिकारियों ने बताया कि बिछिया नदी के उदगम स्थल से लेकर जिला मुख्यालय तक 40.08 किमी एरिया में कायाकल्प किया जाएगा। जल संरक्षण के लिए चालू की गई सरकार की इस योजना के तहत जलस्तर बढ़ाने की कवायद शुरू की गई है।
बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि बिछिया नदी मऊगंज से शुरू होकर रायपुर कर्चुलियान और रीवा जनपद तक आती है। तीन जनपदों के 201 गांवों को चिह्ति किया गया है। नदी के आस-पास इन गांवों में ग्राउंड स्तर पर जल संरक्षण के लिए कार्य योजना तैयार की गई है। प्रारंभिक चरण में २०० करोड़ से अधिक की योजना तैयार की गई है। पहले चरण में 7800 कार्यो के लिए 130 करोड़ का प्लान तैयार किया गया है। समीक्षा बैठक के दौरान जिला पंचायत प्रभारी सीइओ सीताराम प्रधान सहित रीवा, मऊगंज, रायपुर कर्चुलिान जनपद के सीइओ सहित परियोजना अधिकारी संजय सिंह आदि रहे।
बिछिया नदी के दोनों तट पर ४० हजार से अधिक पौधे रोपे जाएंगे। कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव ने बताया कि नदी के दोनों छोर पर चार लेन में पौधे रोपने का काम १४ जुलाई से लेकर 21 जुलाई तक चलेगा। जिसमें उद्यानिकी, वानकी, इमारती, जलाऊ लकड़ी वाले पौधे को भी शामिल किया गया है।
बिछिया नदी के जलस्तर को बनाए रखने के लिए नदी के आस-पास के 80 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है। इन पंचायतों के 201 गांव में खेत बंधान, खेत तालाब, चेकडैम, स्टाप डैम आदि का डीपीआर तैयार किया गया है।
बिछिया नदी का इनपुट
फैक्ट फाइल
बिछिया नदी के दोनों छोर पर 15 किलोमीटर तक रोप जाएंगे 40 हजार पौधे
बिछिया की 40.8 किलोमीटर का 56 हजार 981.99 हेक्टेयर को किया जाएगा विकसित
बिछिया नदी पुर्रबहाव परियोजना के लिए 5049.42 लाख रुपए की कार्य योजना स्वीकृत की गई है।
तीन साल में कराए जाएंगे 7837 कार्य
कराएंगे जाएंगे ये कार्य
समूहों एवं कम्युनिटी के द्वारा प्राइवेट भूमि में बांस के पौधे रोपे जायेंगे। नदी पुर्नबहाव योजना के अन्तर्गत मनरेगा मद से भूमि संरक्षण के कार्य कराये जायेंगे। योजना अन्तर्गत खेत,तालाब, फील्डबंडिंग, मेड़, बंधान, गलीबोल्डर, चेकडैम, बोल्डरबाध, कूप एवं तालाबों के पुर्नजीवन का कार्य प्रमुखता से कराये जायेंगे।