पुलिस विभाग में नया एप आया है जिससे अब पलक झपकते ही पुलिस को सारी जानकारियां मिल जायेगी। मोबाइल फेस फोरेंसिक एप सीसीटीएनएस के माध्यम से काम करेगा। सीसीटीएनएस का नेटवर्क पूरे प्रदेश में काम करता है और इसमें पचास लाख से ज्यादा आरोपियों की फोटो अपलोड है। जब भी पुलिस किसी आरोपी को पकड़ेगी तो उसकी फोटो खींचकर इस एप में अपलोड करेगी। यदि उक्त आरोपी का कोई आपराधिक रिकार्ड है और वह पहले भी कहीं गिरफ्तार हेा चुका है तो उसकी पूरी जानकारी तत्काल मिल जायेगी।
अभी तक अधिकांश आरोपी झूठी जानकारी देकर पुलिस को गुमराह कर देते थे और अत्यधिक काम के दबाव में पुलिसकर्मी भी दूसरे थानों से उसकी जानकारी मंंगवाने में समय नहीं गंवाते थे लेकिन अब इस समस्या से मुक्ति मिल जायेगी। यह एप वाहन चेकिंग सहित फील्ड में भी मिले किसी संदिग्ध की जानकारी एकत्र करने में काफी कारगर साबित होगा। उसके लिए पुलिस को थाने आकर रिकार्ड देखने की जरुरत नहीं पड़ेगी। यह एप तुरंत उनकी जानकारी उपलब्ध करवा देगा।
उक्त एप के संबंध में बुधवार को कंट्रोल रुम में पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन मौजूद रहे। सीसीटीवी प्रभारी मोहित पाण्डेय व उपनिरीक्षक अरविंद राठौर ने सभी पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया। इस दौरान एसपी ने कहा कि इस एप का अधिक से अधिक पुलिसकर्मी उपयोग करें। जो भी आरोपी थाने में पकड़े जाते है उनकी फोटो अनिवार्य रूप से अपलोड करवाये ताकि उसका डाटा आसानी से उपलब्ध हो सके। वर्तमान में अपराधी नए-नए तरीके अपना कर अपराध कर रहे है। उनको पकडऩे के लिए हमे भी खुद को अपडेट करना होगा।
यह एप अब गुमशुदा और मृत व्यक्तियों की पहचान में भी मदद करेगा। जब भी कहीं कोई शव मिलेगा तो उसकी फोटो खींचकर पुलिस इस एप मेें अपलोड करेगी। पूरे प्रदेश के किसी भी थाने में यदि उसकी गुमशुदगी दर्ज होगी तो उसका डाटा एप में मिल जायेगा। इसके साथ ही भीख मांगने वाले बच्चों व गुमशुदा लोगों के संबंध मेंं भी यह एप जानकारी देगा।
पुलिस विभाग में एक नया एप आया है जिसमें आरोपी की फोटो अपलोड करने पर उसकी पूरी जानकारी आ जायेगी। यह पुलिस के काम को काफी सरल बनायेगा। इसके लिए पुलिसकर्मियों को कंट्रोल रुम में प्रशिक्षण दिया गया है। सभी पुलिसकर्मियों को एप के संचालन के लिए प्रशिक्षित किया जायेगा।
नवनीत भसीन, एसपी रीवा