मटेरियल का पता ही नहीं चलता
अधिकारियों ने ठेकेदार के माध्यम से पांच हाइवा मुरम एवं तीन हाइवा गिट्टी डाली है। लेकिन सड़क के गड्ढों में इस मटेरियल का पता ही नहीं चला। मुरम डालने के बाद सड़क पूरी तरह से लाल हो गई है। अधिकारियों ने इससे पल्ला झाड़ लिया है। लोगो को इस मार्ग से आवागमन बंद हो गया है। खासकर स्कूली बच्चों एवं महिलाओं के लिए भरी दिक्कत हो रही है। वाहन चालक भी इस मार्ग में आने-जान पर आनाकानी कर रहे हैं। उक्त मार्ग के निर्माण की मांग क्षेत्रीय जनों की है।
अधिकारियों ने ठेकेदार के माध्यम से पांच हाइवा मुरम एवं तीन हाइवा गिट्टी डाली है। लेकिन सड़क के गड्ढों में इस मटेरियल का पता ही नहीं चला। मुरम डालने के बाद सड़क पूरी तरह से लाल हो गई है। अधिकारियों ने इससे पल्ला झाड़ लिया है। लोगो को इस मार्ग से आवागमन बंद हो गया है। खासकर स्कूली बच्चों एवं महिलाओं के लिए भरी दिक्कत हो रही है। वाहन चालक भी इस मार्ग में आने-जान पर आनाकानी कर रहे हैं। उक्त मार्ग के निर्माण की मांग क्षेत्रीय जनों की है।
गढ़वा में अभी तक नहीं बनी सड़क, ग्रामीण होते हैं परेशान
सीतापुर. ग्राम पंचायत गढ़वा की आदिवासी बस्ती तक सड़क नहीं बनी है। जिससे यहां के लोगों को आवागमन में भारी परेशानी होती है। बताया गया है कि सड़क नहीं होने के कारण बस्ती से वाहन नहीं पहुंच पाते हैं। बताया गया है कि स्कूल के शिक्षकों को आने-जाने में काफी परेशानी है। गांव को जाने वाले मार्ग पर पुरानी पुलिया भी टूट गई है। स्थानीय लोगों ने क्षेत्रीय विधायक एवं सांसद से इस समस्या से अवगत कराया है। लेकिन उनके द्वारा सड़क निर्माण के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। बताया गया है कि सालों से यह सड़क जर्जर हालत में है। सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि गांव तक कोई वाहन नहीं पहुंचते। जिससे यदि कोई बीमार हो जाता है तो उसको मुख्य मार्ग तक पहुंचना मुश्किल होता है। गांव के लोगों ने सड़क निर्माण की मांग की है।
सीतापुर. ग्राम पंचायत गढ़वा की आदिवासी बस्ती तक सड़क नहीं बनी है। जिससे यहां के लोगों को आवागमन में भारी परेशानी होती है। बताया गया है कि सड़क नहीं होने के कारण बस्ती से वाहन नहीं पहुंच पाते हैं। बताया गया है कि स्कूल के शिक्षकों को आने-जाने में काफी परेशानी है। गांव को जाने वाले मार्ग पर पुरानी पुलिया भी टूट गई है। स्थानीय लोगों ने क्षेत्रीय विधायक एवं सांसद से इस समस्या से अवगत कराया है। लेकिन उनके द्वारा सड़क निर्माण के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। बताया गया है कि सालों से यह सड़क जर्जर हालत में है। सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि गांव तक कोई वाहन नहीं पहुंचते। जिससे यदि कोई बीमार हो जाता है तो उसको मुख्य मार्ग तक पहुंचना मुश्किल होता है। गांव के लोगों ने सड़क निर्माण की मांग की है।