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न्यायालय के आदेश के बाद भी नहीं हटाया कब्जा, अतिक्रमण की चपेट से विलुप्त हो रहे तालाब

locationरीवाPublished: May 10, 2020 06:37:43 pm

Submitted by:

Anil singh kushwah

ग्रामीणों के लिए प्रमुख साधन थे गांवों के तालाब

 Filling of a dozen ponds, the department released water from the Nawagaon dam.

गर्मी बढ़ते ही निस्तारी संकट

चाकघाट. अतिक्रमण की चपेट में आकर तालाबों का अस्तित्व नष्ट होता जा रहा है। लेकिन न्यायालय के आदेश के बाद भी अतिक्रमण हटाने का काम प्रशासन द्वारा नहीं किया जा रहा है। जिससे अतिक्रमणकारियों का हौसला बढ़ता जा रहा है। जानकारी के अनुसार ग्राम सहिजवार, त्योंथर, देउपा, पंछा, अमिलकोनी, सौनौरी एवं सोहागी आदि स्थानों पर भारी संख्या में तालाब हैं। इनमें से कई अतिक्रमण की चपेट में हैं जिन्हें जनहित में मुक्त कराया जाना चाहिए। लेकिन प्रशासन इसके लिए सक्रिय नहीं है। इस संदर्भ में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता सुशील कुमार मिश्रा ने बताया कि मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय ने पूर्व में आदेशित किया था कि प्रदेश के सारे तालाब, पोखर एवं पोखरी को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए लेकिन न्यायालय के इस महत्वपूर्ण आदेश की प्रशासन द्वारा अवहेलना की गई है। तालाबों का अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा है, जिससे उनका स्वरूप नष्ट होता जा रहा है।
अकेले अमिलकोनी में है 13 तालाब
जिला पुरातत्व संघ के सदस्य रामलखन गुप्त ने बताया कि अकेले ग्राम अमिलकोनी में 13 तालाब है जिसमें गदहा तालाब, करना तालाब, जोगिया तालाब, बगुला तालाब, सरौंहा तालाब, परबतिया तालाब, धोबिया तालाब ,सूखा तालाब, मधवा तालाब , हडही तालाब, पिपरहिया तालाब, बैरिहा तालाब, बबूरहा तालाब प्रमुख है। इसी प्रकार से ग्राम सहिजवार में चौरहा तालाब, पोखरी तालाब, गुनी तालाब (चुनरी), मडफ़ा पहाड़ तालाब है। ग्राम सोहागी में जनजलिया तालाब, बलुआ खटखरिहा तालाब, शुक्ला ,दीवान तारा तालाब, वैद्यजी की पोखरी, सीता सरोवर प्रसिद्ध है।
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