– पूर्व के आवेदनों पर 17 लोगों को किया आवंटन
रतहरा से जिन लोगों को हटाया गया है, उनमें से 62 लोगों को मकान देने का नगर निगम दावा कर रहा है। इसकी वाहवाही भी स्वयं अधिकारी लूट रहे हैं। जबकि सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी, संजय सिंह बघेल, राघवेन्द्र दुबे द्वारा लगाए गए आवेदनों में नगर निगम और कलेक्टर कार्यालय की ओर से 17 लोगों को ही मकान देने की बात स्वीकारी गई है। बताया गया है कि इसमें वे लोग मकान पाए हैं जिन्होंने करीब दो वर्ष पहले मकान के लिए आवेदन किया था। नए सिरे से आवेदन नगर निगम ने लिए हैं अब हितग्राहियों से २० हजार रुपए जमा कराने के लिए कहा जा रहा है। यह राशि देने पर लोगों ने असमर्थता जाहिर की है।
– भोजन स्वयं पका रहे, निगम द्वारा देने का दावा फेल
नगर निगम की ओर से यह दावा किया गया है कि रतहरा तालाब से हटाए गए जिन लोगों को आवास योजना की पार्किंग में रखा गया है उन्हें सेंट्रल किचन से नियमित भोजन मुहैया कराया जा रहा है। जबकि मौके पर महिलाएं स्वयं भोजन पका रही हैं। कुछ ने काम शुरू कर दिया है तो कइयों को अलग-अलग सामाजिक संगठनों की ओर से अनाज मुहैया कराया गया था। आसपास से लकडिय़ां बीनकर महिलाएं लाती हैं और उसी से भोजन पका रही हैं।
– विवाद में घिरने पर बचाव कर रहे अधिकारी
वार्ड 15 के स्थानीय पार्षद अशोक पटेल ने कहा है कि लॉकडाउन के बीच गरीबों का मकान गिराने के मामले में भाजपा के नेता और नगर निगम के अधिकारी घिरते जा रहे हैं। इसलिए काल्पनिक बातें कर रहे हैं। ऐसे कुछ लोगों को मकान दिया गया है जिनका पहले से आवेदन पड़ा था। अब केवल आवेदन फार्म लिए जा रहे हैं। नगर निगम के अधिकारी मौखिक रूप से मकान आवंटित करने का दावा कर रहे हैं लेकिन लिखित दस्तावेज नहीं दे रहे हैं।