नगर निगम प्रशासन वार्ड दस के शिवनगर में बसे लोगों के स्थान पर आवासीय कॉलोनी और दुकानें बनाने की तैयारी कर रहा है। पहले इंजीनियर्स और कर्मचारी पहुंचे जिनका विरोध हुआ। स्थानीय लोग किसी भी कार्य के लिए तैयार नहीं हैं उनका कहना है कि लंबे समय से वह यहां पर रह रहे हैं इस कारण भूमि को नहीं छोड़ेंगे। स्थानीय लोगों ने कहा है कि एक दिन नहीं, वह दिन इसी तरह का जाम लगाएंगे।
बताया गया है कि इंजीनियरिंग कॉलेज की भूमि का साढ़े ग्यारह एकड़ का हिस्सा प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए दिया गया है। शिवनगर मोहल्ले में स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज की इस भूमि पर पहले से अतिक्रमण है लोगों ने पक्के मकान भी बना रखे हैं। इसे हटाने की कार्रवाई इसके पहले नगर निगम ने नहीं की थी। जिसकी वजह से अब लोग खुले तौर पर विरोध के लिए सामने आ रहे हैं। जैसे ही नगर निगम अमला के पहुंचने की सूचना मिली वार्ड पार्षद अमिता सिंह एवं पूर्व पार्षद वीरेन्द्र सिंह पटेल सहित स्थानीय लोग जमा हो गए। पहले निगम के कर्मचारियों को वहां से हटाया गया बाद में सड़क पर जाम लगा दिया। बढ़ते विरोध को देखते हुए नगर निगम का अमला वापस लौट गया।
नगर निगम ने शिवनगर के इंजीनियरिंग कॉलेज की भूमि पर 84 दुकानें बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है। साथ ही यहां पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाए जाएंगे। जिन स्थानों पर यह निर्माण किया जाना है वहां पर पहले से लोगों के मकान बने हुए हैं।
वार्ड पार्षद अमिता सिंह का कहना है कि वर्ष 1994 में शिवनगर में बसे लोगों को पट्टा दिया गया था। 2023 तक के लिए इनके पट्टे वैध हैं। इसके बावजूद हटाने की कार्रवाई की जा रही है। इस वजह से लोगों का विरोध जारी है।
जिस स्थान पर बसे लोगों को अतिक्रमणकारी बताया जा रहा है और हटाने की तैयारी चल रही है। कुछ महीने पहले ही इन्हें मकान बनाने के लिए 70-70 हजार रुपए की किश्त नगर निगम ने भेजी है। रामलाल कोल और राममणि कोरी नाम के दो हितग्राहियों के मकान को पहले वैध बनाने के बाद अब कार्रवाई के कारण निगम प्रशासन सवालों के घेरे में है।