नगर निगम के ठेकदार द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से किसानों से मनमानी दर में वसूली की जा रही है। साथ ही किसानों से मारपीट की बात भी सामने आई। इसके लेकर कई बार सब्जी विक्रेता भी की। बावजूद स्थित में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। यहां तक व्यापारियों का प्रतिनिधि मंडल ने ननि आयुक्त से मिलकर बंद करने चर्चा की। साथ ही 15 अक्टूबर तक समय भी दिया था। आयुक्त ने इस 11 अक्टूबर को ठेके दार को किसानों से वसूली बंद कर सिर्फ विक्रेताओं से अनुबंध की शर्तों के तहत वसूली की बात कही थी। आयुक्त के इस पत्र को ठेकेदार खारिज कर जबरन पैसा ले रहे हैं। ठेकेदार शकील खान का अडिय़ल रवैया देख सब्जी उत्पाद किसानों ने हड़ताल की घोषणा की है। इनके समर्थन में विंध्य सब्जी उत्पादक किसान संघ एवं भारतीय किसान यूनियन भी आ गई है।
सब्जी मंडी आयोजित हुई बैठक–
18 अक्टूबर को हड़ताल को लेकर शहर की सब्जी मंडी में विक्रेता व थोक विकेता, फल सब्जी विक्रेता संघ, सब्जी उत्पाद संघ की बैठक हुई। इसमे सभी किसानों को 18 अक्टूबर से मंडी के लिए सब्जी नहीं लाने की बात कही। वहीं बाहर का माल भी सब्जी व्यापारियों ने मंगाना बंद कर दिया है। इसके अतिरिक्त शहर के सब्जी विक्रेताओं का समर्थन लेने के लिए वह सम्पर्क कर रहे है। बैठक में इंद्र देव कुशवाहा, बीके कुशवाहा, वीरेन्द्र पटेल, जेपी कुशवाहा, रामविश्वास, अनिल कुश्वाहा, शामिल रहे।
18 अक्टूबर को हड़ताल को लेकर शहर की सब्जी मंडी में विक्रेता व थोक विकेता, फल सब्जी विक्रेता संघ, सब्जी उत्पाद संघ की बैठक हुई। इसमे सभी किसानों को 18 अक्टूबर से मंडी के लिए सब्जी नहीं लाने की बात कही। वहीं बाहर का माल भी सब्जी व्यापारियों ने मंगाना बंद कर दिया है। इसके अतिरिक्त शहर के सब्जी विक्रेताओं का समर्थन लेने के लिए वह सम्पर्क कर रहे है। बैठक में इंद्र देव कुशवाहा, बीके कुशवाहा, वीरेन्द्र पटेल, जेपी कुशवाहा, रामविश्वास, अनिल कुश्वाहा, शामिल रहे।
यह है कि नियम–
नगर निगम की अनुबंध की शर्तों की अनुसार सिर्फ शहर सीमा के अंदर सब्जी व फल बेचने वालों से ५ रुपए वसूल करना है। शहर में सब्जी लाने वाले किसानों से किसी भी तरह की वसूली नहीं होना है। बावजूद इसके ठेकेदार ५ रुपए से लेकर ३० रुपए तक वसूल रहे। इतना ही नहीं किसानों से १० रुपए बोरी वसूलते है। वहीं खाद एवं बीज रीवा से ले जाने पर बैठकी वसूलते है जबकि यह कर विकेता अदा कर चुका होता है।
नगर निगम की अनुबंध की शर्तों की अनुसार सिर्फ शहर सीमा के अंदर सब्जी व फल बेचने वालों से ५ रुपए वसूल करना है। शहर में सब्जी लाने वाले किसानों से किसी भी तरह की वसूली नहीं होना है। बावजूद इसके ठेकेदार ५ रुपए से लेकर ३० रुपए तक वसूल रहे। इतना ही नहीं किसानों से १० रुपए बोरी वसूलते है। वहीं खाद एवं बीज रीवा से ले जाने पर बैठकी वसूलते है जबकि यह कर विकेता अदा कर चुका होता है।
किसान मजदूर महासंघ ने किया समर्थन-
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रविदत्त सिंह ने किसानों की मांग को समर्थन करते हुए 18 अक्टूबर को किसानों से सब्जी नहीं लाने की बात कही है। इस संबंध में उन्होंने कहा कि 15 अक्टूबर तक समय दिए जाने के बावजूद अभी तक ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं करना। यह बतता है कि ठेकेदार को अधिकारियों की मौन संरक्षण है।जबकि ठेकेदार इस तरह लगभग प्रतिमाह २ लाख रुपए से अधिक नियम विरुद्ध किसानों से वसूल करता है। आयुक्त ने इसे रोकने का लिए ठेकेदार का कहा था, इसके बाद पीछे हट गए। इससे साबित होता है कि नगर निगम के अधिकारियों के संरक्षण में किसानों से वसूली चल रही है।
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रविदत्त सिंह ने किसानों की मांग को समर्थन करते हुए 18 अक्टूबर को किसानों से सब्जी नहीं लाने की बात कही है। इस संबंध में उन्होंने कहा कि 15 अक्टूबर तक समय दिए जाने के बावजूद अभी तक ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं करना। यह बतता है कि ठेकेदार को अधिकारियों की मौन संरक्षण है।जबकि ठेकेदार इस तरह लगभग प्रतिमाह २ लाख रुपए से अधिक नियम विरुद्ध किसानों से वसूल करता है। आयुक्त ने इसे रोकने का लिए ठेकेदार का कहा था, इसके बाद पीछे हट गए। इससे साबित होता है कि नगर निगम के अधिकारियों के संरक्षण में किसानों से वसूली चल रही है।