– सतना की चाइल्ड को जिम्मेदारी
रीवा में चाइल्ड लाइन बंद किए जाने के बाद यदि कोई हेल्पलाइन १०९८ पर किसी बच्चे से जुड़ी सूचना देता है तो सतना इसकी जानकारी भेजी जाती है। जहां से देखरेख का काम हो रहा है। पहले की तुलना में व्यवस्था काफी धीमी गति से चल रही है। किसी सूचना पर जहां तत्काल वालेंटियर पहुंचते थे तो अब दो या तीन दिन का समय लग रहा है। पहले रीवा जिले से हर दिन औसत ५० सूचनाएं पहुंचती थी लेकिन चाइल्ड लाइन बंद होने के चलते अब लोग सीधे पुलिस को सूचित कर रहे हैं। चाइल्ड लाइन में सूचनाएं हर दिन करीब आधा दर्जन की संख्या में रह गई हैं।
रीवा में चाइल्ड लाइन बंद किए जाने के बाद यदि कोई हेल्पलाइन १०९८ पर किसी बच्चे से जुड़ी सूचना देता है तो सतना इसकी जानकारी भेजी जाती है। जहां से देखरेख का काम हो रहा है। पहले की तुलना में व्यवस्था काफी धीमी गति से चल रही है। किसी सूचना पर जहां तत्काल वालेंटियर पहुंचते थे तो अब दो या तीन दिन का समय लग रहा है। पहले रीवा जिले से हर दिन औसत ५० सूचनाएं पहुंचती थी लेकिन चाइल्ड लाइन बंद होने के चलते अब लोग सीधे पुलिस को सूचित कर रहे हैं। चाइल्ड लाइन में सूचनाएं हर दिन करीब आधा दर्जन की संख्या में रह गई हैं।
– शिशुगृह में यौन शोषण के आरोपों के बाद से बंद
शहर में शिशुगृह का संचालन निवेदिता कल्याण समिति को दिया गया था। यहां से दो बच्चों को अमेरिका के एक दंपत्ति ने गोद लिया था। रीवा में काउंसिलिंग के बाद उन्हें भेजा गया था लेकिन अमेरिका में पहुंचने के बाद दंपत्ति की ओर से बच्चों के हवाले से आरोप लगाया गया कि उनके यौन शोषण का प्रयास हुआ था। वहां से आई सूचना के बाद प्रशासन ने तत्काल रीवा में संचालित शिशुगृह को बंद करा दिया और यहां पर मौजूद बच्चों को सतना शिफ्ट कराया गया। इस मामले की जांच अब तक अधूरी है। आरोप लगाने वाले अमेरिकी दंपत्ति से प्रशासन ने कई बार संपर्क का प्रयास किया, उनकी ओर से न तो स्वयं जवाब दिया जा रहा है और न ही बच्चों के ही बयान दिलवाए जा रहे हैं। जिसकी वजह से अब तक मामला अटका हुआ है। गत दिवस कलेक्टर ने इसकी जांच जल्द पूरी करने और नए सिरे से शिशुगृह का संचालन करने की तैयारी का निर्देश दिया है।
शहर में शिशुगृह का संचालन निवेदिता कल्याण समिति को दिया गया था। यहां से दो बच्चों को अमेरिका के एक दंपत्ति ने गोद लिया था। रीवा में काउंसिलिंग के बाद उन्हें भेजा गया था लेकिन अमेरिका में पहुंचने के बाद दंपत्ति की ओर से बच्चों के हवाले से आरोप लगाया गया कि उनके यौन शोषण का प्रयास हुआ था। वहां से आई सूचना के बाद प्रशासन ने तत्काल रीवा में संचालित शिशुगृह को बंद करा दिया और यहां पर मौजूद बच्चों को सतना शिफ्ट कराया गया। इस मामले की जांच अब तक अधूरी है। आरोप लगाने वाले अमेरिकी दंपत्ति से प्रशासन ने कई बार संपर्क का प्रयास किया, उनकी ओर से न तो स्वयं जवाब दिया जा रहा है और न ही बच्चों के ही बयान दिलवाए जा रहे हैं। जिसकी वजह से अब तक मामला अटका हुआ है। गत दिवस कलेक्टर ने इसकी जांच जल्द पूरी करने और नए सिरे से शिशुगृह का संचालन करने की तैयारी का निर्देश दिया है।
— सीडब्ल्यूसी भंग होने से वैकल्पिक व्यवस्था भी ठप
बाल कल्याण समिति(सीडब्ल्यूसी) का कार्यकाल बीते दस अक्टूबर से पूरा होने के चलते भंग कर दिया गया है। फिलहाल नए समिति का गठन नहीं हो पाया है और न ही किसी दूसरी समिति को यहां का प्रभार दिया गया है। रीवा की समिति के पास पहले से रीवा, सतना और सीधी जिलों का प्रभार था। अब तीनों जिलों में जो बच्चे पाए जा रहे हैं उनके पुनर्वास की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। प्रदेश में इनदिनों केवल पांच समितियां ही काम कर रही हैं। दूसरे जिलों में भी समितियां भंग हो गई हैं। नजदीकी समितिया सिंगरौली और छतरपुर में है। अब उन्हें ही प्रभार देने की तैयारी है। सीडब्ल्यूसी का गठन शासन स्तर से होना है। रीवा में बच्चों के साथ ही महिलाएं भी जो मिल रही हैं उन पर भी कोई निर्णय बिना समिति के नहीं हो पा रहा है। जानकारी मिली है कि सतना में १८ बच्चे शिशुगृह में मौजूद हैं उनके दत्तक की व्यवस्था रुकी हुई है।
बाल कल्याण समिति(सीडब्ल्यूसी) का कार्यकाल बीते दस अक्टूबर से पूरा होने के चलते भंग कर दिया गया है। फिलहाल नए समिति का गठन नहीं हो पाया है और न ही किसी दूसरी समिति को यहां का प्रभार दिया गया है। रीवा की समिति के पास पहले से रीवा, सतना और सीधी जिलों का प्रभार था। अब तीनों जिलों में जो बच्चे पाए जा रहे हैं उनके पुनर्वास की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। प्रदेश में इनदिनों केवल पांच समितियां ही काम कर रही हैं। दूसरे जिलों में भी समितियां भंग हो गई हैं। नजदीकी समितिया सिंगरौली और छतरपुर में है। अब उन्हें ही प्रभार देने की तैयारी है। सीडब्ल्यूसी का गठन शासन स्तर से होना है। रीवा में बच्चों के साथ ही महिलाएं भी जो मिल रही हैं उन पर भी कोई निर्णय बिना समिति के नहीं हो पा रहा है। जानकारी मिली है कि सतना में १८ बच्चे शिशुगृह में मौजूद हैं उनके दत्तक की व्यवस्था रुकी हुई है।
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बच्चों को सहायता से जुड़े मामलों में समस्याएं उत्पन्न हुई हंै, यह हमारी जानकारी में है। चाइल्ड लाइन के मुख्यालय से बात हुई है, उसे जल्द प्रारंभ करने की तैयारी है। शिशुगृह को लेकर आरोप आए थे, इसलिए उसकी भी जांच पूरी कर नई व्यवस्था बनाने का प्रयास कर रहे हैं। सीडब्ल्यूसी का निर्णय शासन स्तर से होना है। सभी व्यवस्थाओं के लिए हम प्रयास में हैं।
इलैयाराजा टी, कलेक्टर रीवा