जनसुनवाई के बाद कलेक्टर ने ट्रेनी पुलिस जवानों से कहा, किसी के मन में कोई सवाल हो तो पूछ सकते हैं। कुछ जवान इधर-उधर देखने लगे। एक जवान ने खड़ी होकर प्रतिबंधात्मक और धारा 144 के बाने में पूछा। कलेक्टर सवाल का जवाब देते हुए फिर से सवाल किया कि पब्लिक न्यूसेंस में कौन सी धारा का उपयोग होता है। कोई जवाब नहीं दे पाया। कलेक्टर ने कहा मजिस्ट्रेट को कफ्र्यू और प्रतिबंधात्मक कार्रवाई का पावर है।
कलेक्टर ने धारा-144 सहित अन्य धाराओं के उपयोग की जानकारी दी। कहा कि जमीनी विवाद में 145, सरकारी जमीन में 147 और अशांति की सूचना पर मजिस्ट्रेट धारा 144 का लागू करता है। उन्होंने कहा कि सुप्रीमकोर्ट ने कुछ धाराओं में संशोधन किया है।
ज्यादातर धाराएं अंग्रेजों के जमाने की हैं, कानून का सख्ती से पालन करें, इमानदारी के साथ काम करने वाले कर्मचारी को डर नहीं लगात है। उन्होंने महिला सिपाहियों को कहा कि कार्यालय में अटैच कराने के लिए नौकरी मत करना। कलेक्टर ने महिला एसआई प्रियंका पाठक की चर्चा करते हुए कहा कि महिला सिपाही डरें नहीं, ग्रामीण क्षेत्र में इमानदारी से काम करें और दबंई से नौकरी करें। इस दौरान कलेक्टर ने कानून व्यवस्था का पाठ भी पढ़ाया।
पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के रंगरूठ तहसील से लेकर कलेक्ट्रेट तक की गतिविधियों से रूबरू हुुए। इस दौरान उन्हें कानून के साथ ही लोगों की समस्याएं सुनने की पद्धिति की बारीकियां बताई गईं। करीब दस दिन तक रंगरूठों को अलग-अलग कार्योलयों की गतिविधियों से परिचय कराया गया और योजनाओं से जुड़ी जानकारी भी दी गई। अंतिम दिन कलेक्टर ने उन्हें कानून की जानकारी के साथ ही कई धाराओं को समझाया भी।