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अफवाह के धोखे में शिकार बनी ये बेटियां

locationरीवाPublished: Jan 25, 2018 01:23:55 pm

Submitted by:

Ajeet shukla

बेटियों के माता-पिता भी दे रहे साथ…

These girls who became victims of the hoax

These girls who became victims of the hoax

रीवा। काउंटर पर सौ लोगों की लाइन आवेदन जमा करने वालों की। उतने ही लोग मौके पर फॉर्म भरने में जुटे थे। कई लोग इस तस्दीक में लगे रहे कि आवेदन पत्र कहां से मिलेगा। हर कोई इस कोशिश में लगा रहा कि जैसे भी हो जल्दी से उनके द्वारा भी आवेदन कर दिया जाए।
उम्मीद आखिर दो लाख रुपए मिलने की है। दो लाख की उम्मीद में लोग आवेदन पत्र के लिए पांच सौ रुपए तक भी खर्च करने से पीछे नहीं हटे हैं। बात उन अभिभावकों की कर रहे, जो एक ऐसी अफवाह के भ्रम जाल में फंस गए हैं जिसमें बेटी की पढ़ाई के लिए केंद्र सरकार से दो लाख रुपए मिलने की बात कही जा रही है।
ग्रामीण अंचल में सबसे अधिक प्रभाव
बेटी को पढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से दो लाख रुपए की आर्थिक मदद मिलेगी। इस अफवाह में फंसे सैकड़ों अभिभावक डाक विभाग में पहुंचकर अपना आवेदन उस तथाकथित पते पर भेज रहे है जिसे आवेदन पत्र में केंद्र सरकार का विशेष मंत्रालय बताया गया है। अफवाह के झांसे में खासतौर पर ग्रामीण अंचल के अभिभावक फंस रहे हैं।
दिल्ली भेजा जा रहा आवेदन
ग्रामीण अंचलों में पिछले कई दिनों से यह अफवाह फैली है कि भारत सरकार प्रधानमंत्री बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत उन बेटियों का पंजीकरण कर रही है, जिनकी उम्र आठ से 32 वर्ष तक है। अफवाह है कि पंजीयन कराने वालों में केंद्र सरकार की ओर से दो लाख रुपए दिए जाएंगे। आवेदन पत्र भेजने के लिए भारत सरकार रक्षा मंत्रालय एवं बाल विकास मंत्रालय शास्त्री भवन नई दिल्ली का पता दिया गया है।
प्रति फॉर्म वसूले जा रहे 500 रुपए
डाक विभाग में आवेदन करने के लिए ग्रामीण अंचल से पहुंचे आवेदकों के मुताबिक उन्हें फॉर्म गांव के सरपंच, सचिव व स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से मिल रहे हैं। वैसे तो फॉर्म के लिए 100 रुपए निर्धारित किए गए हैं। लेकिन कुछ लोगों ने इसके लिए 500 रुपए तक वसूल किए हैं। जिससे लोगों को अनावश्यक रूप से आर्थिक नुकसान का उठाना पड़ रहा है।
अनभिज्ञता जाहिर कर रहे अधिकारी
केंद्र सरकार के बाल विकास विभाग की ओर से दो लाख रुपए आर्थिक मदद की कोई योजना शुरू की गई है। इस बात से अधिकारी इंकार कर रहे हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी नयन सिंह ने भी इस तरह की जानकारी से इंकार किया है। उनका कहना है कि योजना के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वालों की कोई शिकायत करता है तो कार्रवाई की जाएगी।
धोखे का शिकार बनने वालों में यह हैं शामिल
– सरकार दो लाख रुपए देगी। इसकी कोई पुष्ट जानकारी नहीं है। गांव में इस बात की खूब चर्चा है। एक आदमी खुद को सरपंच का आदमी बताकर फॉर्म बेच रहा था। सब भर रहे हैं तो मंैने भी बहन के नाम भर दिया।
ओंम प्रकाश, निवासी फूल।
– गांव के सभी लोग आवेदन जमा कर रहे हैं। हमने सोचा हम भी भर दें। योजना सही है कि अफवाह है। इसकी जानकारी नहीं है। एक गांव में एक आदमी फॉर्म बेचने आया था। कौन था नहीं मालूम।
मोती लाल साकेत, निवासी हरिहरपुर।
– पैसा मिले न मिले, सब भर रहे हैं तो हम भी भर दिए हैं। पैसा तो मिलना ही चाहिए। बिटिया को इसीलिए नहीं पढ़ा पा रहे हैं। फॉर्म भरने में ५०० रुपए खर्च हो गए। परेशान हो गए अलग से।
रेखा सोंधिया, निवासी बैकुंठपुर।
– एक कोई स्वयंसेवी संस्था है। उसी से फॉर्म मिला है। मुझे भी लग रहा है कि यह सब फर्जी है। लेकिन सब भर रहे हैं तो मुझे भी लगा की भर दें। हो सकता है वाकई में मिल जाए। चूकने के अच्छा है। कुछ खर्च ही कर दें।
राजेश सोंधिया, शहर निवासी।
– टीआरएस कॉलेज में मैं पढ़ता हूं। यहां एक काम था। इसलिए आया हूं। लोग फॉर्म भर रहे हैं। बता रहे हैं कि बेटियों को दो लाख रुपए मिलेगा। लेकिन फॉर्म कहां से मिलेगा। यह कोई नहीं बता रहा है।
अतुल मिश्रा, निवासी रायपुर कर्चुलियान।
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