गैर संस्थागत प्रशिक्षण के फीडबैक सत्र में लालमति साकेत ने बताया कि ग्रामीण माताओं-बहनों के रक्त में लाली बढ़ाने के लिए लौह तत्व की आपूर्ति के लिये अधिकाधिक हरी पत्तेदार सब्जी, गुड़, अनार, चुकंदर और खट्टे फल आदि का सेवन करना चाहिये। साथ ही सब्जी लोहे की कड़ाही में ही पकाना चाहिये। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 43 हितग्राहियों ने भाग लिया।
प्रशिक्षण के प्रारंभ में केंद्र के खाद्य वैज्ञानिक डॉ. चंद्रजीत सिंह ने परामर्श दिया कि आगमी सर्दी के मौसम में शरीर पर तेल लगा कर दोपहर में धूप सेकें जिससे शरीर में विटामिन-डी का निर्माण हो, जो कि कैल्शियम के अवशोषण के लिए आवश्यक है। इस दौरान यह बात प्रमुखता से निकलकर सामने आई कि शरीर में लौह तत्व की आपूर्ति के लिए लोहे की कड़ाही में भोजन पकाना चाहिए।
केंद्र की वैज्ञानिक डॉ. किंजल्क सी. सिंह, महिला बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुनीता पटेल, आंगनबाड़ी सहायिका श्यामाबाई साकेत, कृषक मित्र राजेश पटेल एवं केंद्र के उमेश वर्मा की भूमिका रही। इस दौरान स्नेहा साकेत, अंकित साकेत तथा रोहित साकेत की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।