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जिला मुख्यालय में तीन सहायक संचालक, 69 किलोमीटर दूर बैठे प्राचार्य को प्रभार, जानिए क्यों

locationरीवाPublished: May 09, 2020 10:21:31 pm

Submitted by:

Lokmani shukla

कलेक्ट्रेट कार्यालय स्थित जिला शिक्षा केन्द्र को 69 किलोमीटर दूर बैठे हाइ स्कूल के प्राचार्य चलाएंगे। ऐसा जिला पंचायत सीइओ द्वारा हाइ स्कूल प्राचार्य को अतिरिक्त प्रभार देने के कारण हुआ है। जबकि राज्य शिक्षा केन्द्र ने डीपीसी पद के लिए जो नियम बनाया है। उसमें सहायक संचालक स्तर का अधिकारी ही डीपीसी का प्रभार व अधिकारी बनाया जाना है।

Three Assistant Directors in District Headquarters rewa ,rewa dpc news

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रीवा। कलेक्ट्रेट कार्यालय स्थित जिला शिक्षा केन्द्र को 69 किलोमीटर दूर बैठे हाइ स्कूल के प्राचार्य चलाएंगे। ऐसा जिला पंचायत सीइओ द्वारा हाइ स्कूल प्राचार्य को अतिरिक्त प्रभार देने के कारण हुआ है। जबकि राज्य शिक्षा केन्द्र ने डीपीसी पद के लिए जो नियम बनाया है। उसमें सहायक संचालक स्तर का अधिकारी ही डीपीसी का प्रभार व अधिकारी बनाया जाना है। इससे वाकिफ होने के बाद बघेरा डाभर में पदस्थ हाइ स्कूल प्राचार्य सुदामा लाल गुप्ता को अतिरिक्त प्रभार में दिया गया। ऐसे वह ६९ किलोमीटर से हाइ स्कूल प्राचार्य रहते डीपीसी के काम करेंगे।
बताया जा रहा है कि जिला मुख्यालय में स्तर पर तीन सहायक संचालक पदस्थ है। वहीं एक सहायक संचालक रायपुर कर्चुलियान विकासखंड है। इतनी संख्या में होने के बावजूद जिला पंचायत सीइओ ने हाइ स्कूल प्राचार्य को डीपीसी का प्रभार दिया है। जबकि राज्य शिक्षा केन्द्र में डीपीसी बनने प्रस्तुत आवेदन स्कूल का प्राचार्य होने के कारण एक बार निरस्त कर किया जा चुका है। डीपीसी के अतिरिक्त प्रभार को लेकर ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इसके पहले हायर सेकेंडरी प्राचार्य को सौपा गया था। जबकि अतिरिक्त संचालक स्तर के अधिकारी पदस्थ है।
बीइओ व एक्लीलेंस प्राचार्य से मुुक्त-
बताया जा रहा है कि इसके पहले बहेरा डाबर में पदस्थ हाइ स्कूल प्राचार्य को पहले एक्सीलेंस प्राचार्य एवं बीइओ मऊगंज और माडॅल स्कूल का अतिरिक्त प्रभार था। ऐसे में उन्हें डीपीसी का अतिरिक्त अस्थाई प्रभार देने के लिए बीइओ व एक्सीलेंस के प्राचार्य पद से मुक्त किया कर दिया है। लेकिन उनके मूल पद हाइ स्कूल बेहरा डाबर में रहते ६९ किलोमीटर दूर डीपीसी का अतिरिक्त जार्च देना सवाल खड़ा कर रहा है।
यह है नियम-
नियमत: डीपीसी का पद सहायक संचालक शिक्षा को दिया जाना है। ऐसा नहीं होने वैकलिपक व्यवस्था में डीपीसी हटाने पर डीइओ को चार्ज दिया जाना है। लेकिन इसका पालन नहीं किया गया है। इसके पहले में डीपीसी के अस्थाई चार्ज को लेकर विवाद खड़ा हुआ है। बताया जा रहा है राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा डीपीसी की नियुक्त नहीं होने के कारण यह स्थिति बनती है। ऐसे अस्थाई प्रभार दिया जाता है।
बोले ऑफिस में करेगें चर्चा
हाइ स्कूल को अस्थाई प्रभार दिया गया है। इस संबंध में ऑफिस में आइए आकर चर्चा करेंगे। अभी ज्यादा बात नहीं की जा सकती है।
अर्पित वर्मा , सीइओ जिला पंचायत

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