बताया जा रहा है कि इसके पहले बहेरा डाबर में पदस्थ हाइ स्कूल प्राचार्य को पहले एक्सीलेंस प्राचार्य एवं बीइओ मऊगंज और माडॅल स्कूल का अतिरिक्त प्रभार था। ऐसे में उन्हें डीपीसी का अतिरिक्त अस्थाई प्रभार देने के लिए बीइओ व एक्सीलेंस के प्राचार्य पद से मुक्त किया कर दिया है। लेकिन उनके मूल पद हाइ स्कूल बेहरा डाबर में रहते ६९ किलोमीटर दूर डीपीसी का अतिरिक्त जार्च देना सवाल खड़ा कर रहा है।
नियमत: डीपीसी का पद सहायक संचालक शिक्षा को दिया जाना है। ऐसा नहीं होने वैकलिपक व्यवस्था में डीपीसी हटाने पर डीइओ को चार्ज दिया जाना है। लेकिन इसका पालन नहीं किया गया है। इसके पहले में डीपीसी के अस्थाई चार्ज को लेकर विवाद खड़ा हुआ है। बताया जा रहा है राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा डीपीसी की नियुक्त नहीं होने के कारण यह स्थिति बनती है। ऐसे अस्थाई प्रभार दिया जाता है।
हाइ स्कूल को अस्थाई प्रभार दिया गया है। इस संबंध में ऑफिस में आइए आकर चर्चा करेंगे। अभी ज्यादा बात नहीं की जा सकती है।
अर्पित वर्मा , सीइओ जिला पंचायत