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आठ घंटे गांव में दहशत मचाने वाला बाघ पकड़ा गया, संजयगांधी नेशनल पार्क में छोड़ा

locationरीवाPublished: Jul 16, 2019 09:05:57 pm

Submitted by:

Mrigendra Singh

– रेस्क्यू के लिए रीवा और सतना की टीमें पहुंची, एक स्थान से दूसरी जगह पर पहुंचा बाघ

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tiger in village of rewa, reached rescue team

रीवा। जंगल से भटके बाघ के गुढ़ क्षेत्र के डढ़वा गांव पहुंचने पर हड़कंप मच गया। मंगलवार की सुबह करीब पांच बजे ग्रामीणों ने बाघ को देखा, इसकी सूचना प्रशासन को दी गई। जब तक लोगों की दिनचर्या शुरू होती, उसके पहले ही गांव में सनाका खिंच गया।
प्रशासन की टीम लोगों से घरों से बाहर नहीं निकलने की अपील कर रही थी और बाघ को पकडऩे के भी प्रयास जारी थे लेकिन बढ़ती भीड़ ने व्यवस्था बनाने में कठिनाइयां भी पैदा की। करीब सात घंटे से अधिक समय तक रेस्क्यू टीम और बाघ के बीच चली आंख मिचौली के बाद दोपहर 12.10 बजे पकड़ा गया। इस रेस्क्यू के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही वन विभाग के अधिकारियों एवं कई परिक्षेत्रों से बुलाए गए एक्सपर्ट के साथ पुलिस के भी अधिकारी मौजूद रहे।
इस रेस्क्यू टीम में प्रमुख रूप से डीएफओ विपिन पटेल, एसडीओ ऋषि कुमार मिश्रा, मुकुंदपुर ह्वाइट टाइगर सफारी के संचालक संजय रायखेड़े, डॉ. राजेश तोमर, रेंजर केके पाण्डेय, नेशनल पार्क के डॉ. एएस सेंगर, कलीम खांन के साथ ही रेस्क्यू टीम में महेन्द्रशरण तिवारी, अखिलेश मिश्रा, आशुतोष पाण्डेय, रामचरित त्रिपाठी, राजमणि शुक्ला, राहुलदेव मिश्रा, अखिलेश पटेल सहित करीब आधा सैकड़ा लोगों की टीम शामिल रही। सुरक्षा व्यवस्था के लिए गुढ़ तहसीलदार, थाना प्रभारी केके त्रिवेदी सहित अन्य मौजूद रहे।
ग्रामीणों ने बताया कि सुबह पांच बजे के करीब डढ़वा गांव में बाघ को देखा गया। गांव के उमेश विश्वकर्मा के घर के पीछे खिड़की के पास बाघ खड़ा था। बच्चों ने इसे कोई दूसरा जानवर माना और परिजनों को जानकारी दी। जैसे ही घर के लोगों ने देखा तो दहशत में आ गए। पहले घर के दरवाजे बंद कराए और गांव के दूसरे लोगों को सूचना दी गई। प्रशासनिक अमले के साथ ही वन विभाग एवं पुलिस के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। पहले तो बाघ को बाहर निकालने के लिए प्रयास किया गया लेकिन जब वह झाडिय़ों के बीच काफी देर तक छिपा रहा तब रेस्क्यू टीम ने ट्रेंकुलाइज करने की तैयारी की। जिस दौरान बाघ को ट्रेंकुलाइज किया गया, सही जगह पर निशाना नहीं बैठने की वजह से वह भाग कर दूसरी जगह पहुंच गया।
करीब दो घंटे तक रेस्क्यू टीम ने तैयारी की और उसे ट्रेंकुलाइज किया गया। टीम के कुछ सदस्य नीचे जाल लेकर खड़े थे ताकि वह पेड़ से नीचे गिरे तो किसी तरह का खतरा नहीं हो। दर्जन से अधिक प्रशिक्षित कर्मियों के साथ ही संजय गांधी नेशनल पार्क सीधी और महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव चिडिय़ाघर एवं ह्वाइट टाइगर सफारी की टीम बुलाई गई थी। सीसीएफ अतुल खेरा सभी टीमों को निर्देशित कर रहे थे।
नेशनल पार्क में छोड़ा गया
डढ़वा गांव में पकडऩे के बाद बाघ के स्वास्थ्य का परीक्षण मुकुंदपुर के चिकित्सकों ने किया। जब वह पूरी तरह से स्वस्थ बताया गया तो अधिकारियों ने तय किया कि संजयगांधी नेशनल पार्क सीधी में उसे छोड़ा जाएगा। पहले कहा गया था कि कुछ दिनों तक मुकुंदपुर में रखा जाएगा लेकिन बाद में नेशनल पार्क के लिए भेजा गया।


डढ़वा गांव में बाघ आने की सूचना पर टीमें पहुंची और रेस्क्यू किया गया है। उसे संजय नेशनल पार्क को सौंप दिया है। यह कहां से आया, इसकी तस्दीक कराई जा रही है। नेशनल पार्क से निकले बाघ की फोटो से मिलान किया जाएगा, इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है। इसके पहले जिले के कई हिस्सों में बाघ के हलचल की सूचनाएं मिलती रही हैं।
विपिन पटेल, डीएफओ रीवा

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