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इत्र बनाने के लिए चंदन के पेड़ों की हत्या, जानिए क्या है घटना

गढ़ कस्बे में वारदात को अंजाम देकर फैलाई सनसनी, चेक करने चार पेड़ों को काटा

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To make perfume, the killing of sandalwood trees, know what happened

रीवा। जिले में पिछले दो माह से सक्रियता दिखा रहे तस्करों ने रविवार को फिर तीन चंदन के पेड़ काटकर सनसनी फैला दी। बदमाशों ने पेड़ों में ओगार चेक करने के लिए चार पेड़ों को नुकसान पहुंचाया है। घटना से पूरे कस्बे में सनाका खिंचा हुआ है।

तीन पेड़ काटे
गढ़ कस्बा निवासी मोतीलाल तिवारी व उनके भाई जमुनाराम तिवारी, रामचंद्र तिवारी के घर में काफी संख्या मेंं चंदन के पेड़ लगे हुए है। रविवार की रात पूरा परिवार खाना खाकर सो गया। देर रात बदमाशों ने धावा बोल दिया। बदमाश तीन चंदन के पेड़ काटकर उसकी बोगियां ले गए। चार पेड़ों को बदमाशों ने ओगार चेक करने के लिए आधा काटा है और छोड़ दिया। चोर बड़े आराम से घटना को अंजाम देकर निकल गए लेकिन किसी को भनक तक नहीं लग पाई। तस्करों ने घर से करीब सौ मीटर दूर तालाब के पास उन बोगियों का छिलका निकालकर अंदर मौजूद ओगार निकाल लिया और अवशेष छोड़कर फरार हेा गए।

सुबह हुई घटना की जानकारी
सुबह उठते ही परिजनों को घटना की जानकारी हुई जिस पर उन्होंने थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। तालाब के मेढ़ से पुलिस को कटे हुए पेड़ के अवशेष बरामद हुए है। घटना में उसी गिरोह का हांथ होने की आशंका जताई जा रही है कि जो सिलसिलेवार तरीके से गढ़ सहित आसपास के गांवों में चंदन के पेड़ों को निशाना बना रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि अभी तक पुलिस इस गिरोह को पकडऩे में दिलचस्पी नहंी दिखा पाई है।

इत्र विक्रेताओं को बेंचते हैं ओगार
चंदन का पेड़ काटने के बाद बदमाश उसका ओगार कन्नौज के इत्र विक्रेेताओं को बेंचते है। चंदन के पेड़ के अंदर ओगार नामक पदार्थ पाया जाता है जिसका इस्तमाल इत्र बनाने में होता है। बदमाश उसे निकालकर शेष लकडिय़ों को छोड़ देते है। कन्नौज से अक्सर काफी बदमाश आते है जो स्थानीय युवकों की मदद से पेड़ों को कटवाकर उसका ओगार खरीदते है।