इस हादसे ने प्रशासनिक व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। घटना के तत्काल बाद रात 12 बजे कंट्रोल रूम को क्रेन भेजने के लिए बोला गया लेकिन दूसरे दिन बारह बजे तक क्रेन नहीं पहुंची। पुलिस ने एमपीआरडीसी की क्रेन बुलवाकर सांयकाल किसी तरह वाहनों को किनारे हटवाकर आवागमन खुलवाया। हैरानी की बात तो यह है कि 15 दिन बाद अद्र्धकुंभ का मेला इलाहाबाद में शुरू होने वाला है जिसमें लाखों लोग प्रतिदिन गंगा स्नान करने आते हैं। यदि यही व्यवस्था रही तो कुंभ स्नान करने वालों को जाम का सामना करना पड़ेगा।
सोहागी पहाड़ में जाम लगने से बसों में सवार महिलाएं व बच्चे काफी परेशान रहे। बच्चे भूख-प्यास से बेहाल रहे। पहाड़ में दूर-दूर तक पानी व खाने की व्यवस्था नहीं है। अन्य यात्रियों को भी मुश्किल का सामना करना पड़ा। आसपास बाजार या ढाबा नहीं होने से भूखे ही समय गुजारना पड़ा। यहां तक कि प्रशासन ने भी जाम में फंसे लोगों को खाने पीने की समग्री उपलब्ध करवाने की व्यवस्था नहीं कराई। जाम में फंसे लोग प्रशासनिक व्यवस्था को कोसते रहे। खराब सडक के चलते यहां अक्सर जाम की स्थिति निर्मित होती है।
कहने को तो पुलिस विभाग के पास क्रेन भी मौजूद है लेकिन उचित रखरखाव के अभाव में वह शोपीस बनी हुई है। देर रात जब कंट्रोल रूम से क्रेन भेजने को बोला गया तो उसके खराब होने की जानकारी मिली। इसके बाद पुलिस को व्यक्तिगत स्तर पर क्रेन की व्यवस्था कर जाम खुलवाना पड़ा।
दीपक पराशर, थाना प्रभारी सोहागी