इसके पहले वन विभाग की ओर से गुढ़ थाने की पुलिस को भी पत्र लिखकर आवश्यक बल की मदद मांगी थी, ताकि किसी तरह के विरोध प्रदर्शन को नियंत्रित किया जा सके। वन भूमि में बसे लोगों को इसके पहले कई बार वन विभाग के अधिकारियों ने समझाइश देकर कब्जा हटाने के लिए कहा था।
वह लगातार वहां पर झोपडिय़ों की संख्या बढ़ाते जा रहे थे। बताया गया है कि करीब दस हेक्टेयर से अधिक भूमि को कब्जा करने का प्रयास किया गया था। जिसमें आधा सैकड़ा से अधिक की संख्या में आसपास के गांवों के परिवार शामिल थे।
इसकी रिपोर्ट कई दिन पहले ही वन विभाग का स्थानीय अमला अधिकारियों तक पहुंचा चुका था। अधिकारियों ने मौके की फोटो एवं वीडियोग्राफी के साथ ही जीपीसी रीडिंग भी कराई। अतिक्रमण पुष्ट होने के बाद रीवा से भी विभाग का बल भेजा गया।
– पट्टा मिलने की सूचना पर कब्जे का प्रयास
वन भूमि पर कब्जा करने वालों ने बताया कि उन्हें यह जानकारी मिली थी कि वनभूमि पर कब्जा करने से उसका पट्टा भी मिलेगा। सरकार इसके लिए कलेक्टर एवं डीएफओ को निर्देशित कर चुकी है। इसलिए वह भी भूमि के लिए कब्जा कर रहे थे। इस पर विभाग के अधिकारियों ने उन्हें जानकारी दी कि वर्ष २००५ तक की स्थिति में हुए सर्वे के आधार पर बसे लोगों को पट्टा मिलेगा। इस तरह से कब्जे को अतिक्रमण माना जाएगा और कार्रवाई होगी। जानकारी मिली है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ लोग अफवाह फैलाकर लोगों को भ्रमित भी कर रहे हैं। जिसके चलते कई हिस्सों में वन भूमि पर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है।
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वन भूमि पर कब्जा करने वालों ने बताया कि उन्हें यह जानकारी मिली थी कि वनभूमि पर कब्जा करने से उसका पट्टा भी मिलेगा। सरकार इसके लिए कलेक्टर एवं डीएफओ को निर्देशित कर चुकी है। इसलिए वह भी भूमि के लिए कब्जा कर रहे थे। इस पर विभाग के अधिकारियों ने उन्हें जानकारी दी कि वर्ष २००५ तक की स्थिति में हुए सर्वे के आधार पर बसे लोगों को पट्टा मिलेगा। इस तरह से कब्जे को अतिक्रमण माना जाएगा और कार्रवाई होगी। जानकारी मिली है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ लोग अफवाह फैलाकर लोगों को भ्रमित भी कर रहे हैं। जिसके चलते कई हिस्सों में वन भूमि पर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है।
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———- गुढ़ क्षेत्र के पीएफ-५२ वनभूमि महाडाड़ी बीट में अतिक्रमण की सूचना मिली थी, उसकी तस्दीक कराने के बाद हटाने की कार्रवाई की गई है। वहां पर बसे लोगों को समझाइश दी गई है कि इस तरह से वनभूमि पर कब्जा नहीं करें अन्यथा मामला भी दर्ज किया जाएगा।
विनोद अवस्थी, वनपरिक्षेत्राधिकारी
विनोद अवस्थी, वनपरिक्षेत्राधिकारी