ये सभी लोग भोपाल काम करने गए थे लेकिन लॉक डाउन के कारण वहां फंस गए। इनके पास भोजन व रुपए भी खत्म हो गए थे। फलस्वरूप इन्होंने बाइक से ही यह दूरी तय की है। शनिवार की सुबह रीवा पहुंचने पर पुलिस ने उनको रोक लिया और बिछिया अस्पताल में सभी का मेडिकल परीक्षण कराया है।
सभी लोग रीवा के ही रहने वाले है। पुलिस ने सभी को कंट्रोल रुम में भोजन की व्यवस्था भी कराई थी। पीडि़त लोकेश साहू का कहना था कि वे लोग एक महीने से भोपाल में फंसे हुए थे। चौदह तक लॉक डाउन खुलने की उम्मीद थी लेकिन जब उसकी तारीख बढ़ गई तो हम लोग वापस लौट आए।
पूणे से दर्जनभर युवक पहुंचे रीवा
पूणे में काम करने गए दर्जनभर युवक बाइक से रीवा पहुंचे है। दरअसल ये सभी युवक मिर्जापुर उ.प्र. के रहने वाले है और पूणे में रहकर काम करते थे। लॉक डाउन के कारण वे वहां फंसे हुए थे और जब लॉक डाउन जल्दी खुलने की उम्मीद नजर नहीं आई तो उन्होंने बाइक से सैकड़ों किमी की दूर तय कर ली और शनिवार की सुबह रीवा पहुंचे। पुलिस ने चोरहटा में रोककर उनका मेडिकल परीक्षण कराया।
पूणे में काम करने गए दर्जनभर युवक बाइक से रीवा पहुंचे है। दरअसल ये सभी युवक मिर्जापुर उ.प्र. के रहने वाले है और पूणे में रहकर काम करते थे। लॉक डाउन के कारण वे वहां फंसे हुए थे और जब लॉक डाउन जल्दी खुलने की उम्मीद नजर नहीं आई तो उन्होंने बाइक से सैकड़ों किमी की दूर तय कर ली और शनिवार की सुबह रीवा पहुंचे। पुलिस ने चोरहटा में रोककर उनका मेडिकल परीक्षण कराया।