scriptदहशत में कटे दो घंटे, 13 बच्चों का हुआ था अपहरण, मामला जानकर खड़े हो जायेंगे रोंगटे | Two hours in terror, 13 children were abducted, and will get to know t | Patrika News
रीवा

दहशत में कटे दो घंटे, 13 बच्चों का हुआ था अपहरण, मामला जानकर खड़े हो जायेंगे रोंगटे

पूरे शहर का लगाया तीन चक्कर, ढाई घंटे तक दहशत में रहे बच्चे, शहर से ८ किमी दूर ले गया था चालक, नहर के कारण रुक गई थी गाड़ी

रीवाJun 28, 2019 / 09:23 pm

Shivshankar pandey

patrika

Two hours in terror, 13 children were abducted, and will get to know t

रीवा। स्कूल के दर्जन भर बच्चों के अपहरण की घटना ने पूरे जिले में हड़कंप मचा दिया। चालक किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में था और वह लगभग अपने नापाक इरादों को अंजाम देने में कामयाब भी हो गया था लेकिन बच्चों ने समझदारी दिखाते हुए अपने आप को बचा लिया। दरअसल केन्द्रीय स्कूल के लिए वैन चालक सुबह करीब 6 बजे निकला था। उसने चिरहुला कालोनी व ललपा से बच्चों को गाड़ी में बैठाया था। वह प्रतिदिन की तरह बच्चों को कालेज चौराहे तक लेकर आया लेकिन वहां से वह बच्चों को स्कूल तरफ ले जाने के बजाए वापस लेकर आ गया। गाड़ी लेकर वह ललपा तक वापस लौटा फिर बच्चों को न्यू बस स्टैण्ड, सिरमौर चौराहा, शिल्पी प्लाज सहित पूरे शहर के लगभग तीन चक्कर लगाए।
गाड़ी से पूरे शहर के लगाए चक्कर
वह बच्चों को जगह-जगह गाड़ी रोककर उतारता था और फिर गाड़ी में बैठाकर चल देता था। न तो बच्चों के समझ में कुछ आ रहा था और न ही चालक उनको कुछ बता रहा था। डरे सहमे बच्चे गाड़ी के अंदर ही बैठे रहे और मौके का इंतजार कर रहे थे। चालक रिंकू रावत बच्चों को लेकर चोरहटा आाया और बीटीएल फैक्ट्री के पास से दो किमी दूर अंदर गाड़ी लेकर आ गया। आगे एक नहर थी जिस पर ड्राइवर ने गाड़ी रोक दी और उसने बच्चों को पीछे आने के लिए बोल दिया। बच्चों के हांथ लगा यह मौका उन्होंने हांथ से नहीं जाने दिया और सारे बच्चे चालक के विपरित दिशा में भाग दिए। बच्चों को भागते देख ड्राइवर ने उनका पीछा करने का प्रयास किया लेकिन पकड़े जाने के डर से उसने कदम रोक लिये और फरार हो गया। बच्चों ने वहां से गुजर रहे लोगों से मोबाइल लेकर परिजनों को सूचना दी। इस दौरान एक बाइक सवार ने उनकी मदद की और कुछ बाइकों की व्यवस्था की। आधा दर्जन मोटर साइकिलों में सभी बच्चों को थाने लाया गया। थाने सुरक्षित पहुंचने पर बच्चों ने राहत की सांस ली।
पूंछने पर ड्राइवर दिखाता रहा आंखें
छोटे-छोटे बच्चों के लिए गाड़ी में ढाई घंटे किसी यातना से कम नहीं थे। बच्चों को लेकर ड्राइवर शहर में घुमाता रहा। बच्चों ने उससे पूंछने का प्रयास किया कि आप कहां लेकर जा रहे हो तो गुस्से में ड्राइवर उनको लाल आंखें दिखाता था जिससे बच्चे सहम जाते थे। अनहोनी की आशंका से सभी बच्चे डरे हुए थे। उन्होंने कुछ जगह शोर मचाने का प्रयास भी किया लेकिन गाड़ी का ग्लास बंद होने की वजह से बच्चों की आवाज बाहर नहीं निकली।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो