scriptऊर्जाधानी में जल्द शुरू होंगी दो और कोल खदानें | Two more coal mines will be started soon in Singrauli | Patrika News

ऊर्जाधानी में जल्द शुरू होंगी दो और कोल खदानें

locationरीवाPublished: Jul 14, 2019 10:55:59 pm

Submitted by:

Balmukund Dwivedi

सरई तहसील के लंघाडोल क्षेत्र में 2.5 हजार हेक्टेयर में शुरू होगी खदान, बरगवां थाना क्षेत्र के पिडऱवाह गांव में दूसरे खदान की तैयारी हुई तेज
 

Two more coal mines will be started soon in Singrauli

Two more coal mines will be started soon in Singrauli

सिंगरौली. ऊर्जाधानी में जल्द ही दो और कोल खदानों को श्रीगणेश होगा। दोनों खदानों को लेकर निर्धारित प्रक्रिया तेजी के साथ पूरी की जा रही है। माना जा रहा है कि दो से तीन महीनों में दोनो ही खदानों में खनन का कार्य शुरू हो जाएगा।दोनों में लंघाडोल क्षेत्र की खदान पहले शुरू होने की संभावना है। खदान शुरू करने को लेकर लंबे समय से चल रही प्रक्रिया अब अंतिम चरण में हैं। खदान शुरू करने के लिए आंध्र प्रदेश की कंपनी एपीएमडीसी ने लंघाडोल क्षेत्र के झलरी, डोंगरी, मझौली पाठ, आमाडांढ़, सिरसवाह, बेलवार व बजौड़ी गांवों में विस्थापन की प्रक्रिया पूरी कर ली है। मुआवजा वितरण का कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है। जल्द ही इन गांवों के 2.5 हजार हेक्टेयर रकबे में खनन का कार्य शुरू हो जाएगा। इधर दूसरी ओर से टीएचडीसी की ओर से बरगवां क्षेत्र के पिडऱवाह गांव में खदान संबंधित प्रक्रिया तेजी के साथ पूरी की जा रही है। हालांकि अभी वहां मुआवजा वितरण का कार्य बाकी है, लेकिन केवल एक गांव होने के चलते यह प्रक्रिया एपीएमडीसी के साथ ही पूरी होने की संभावना है। टीएचडीसी की ओर से १६०० हेक्टेयर में खदान शुरू किया जाना है।
स्थानीय ग्राहकों के लिए उपलब्ध होगा कोयला
जिले में इन दोनो खदानों के शुरू होने पर स्थानीय ग्राहकों को पर्याप्त कोयल उपलब्ध होने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि टीएचडीसी के लिए उत्तर प्रदेश के खुर्जा जिले में शुरू होने वाले पावर प्लांट के लिए कोयला उपलब्ध कराना पहली प्राथमिकता होगी, लेकिन एपीएमडीसी की ओर से स्थानीय विद्युत उत्पादक कंपनियों के साथ अन्य ग्राहकों को पर्याप्त कोयला उपलब्ध कराया जाएगा।
अभी 100 मीट्रिक टन कोयले की हर रोज खपत
वर्तमान में यहां ऊर्जाधानी में कंपनियों की ओर से करीब 100 मीट्रिक टन कोयले की खपत हो रही है।अकेले एनसीएल 80 मीट्रिक टन कोयला हर रोज अपने ग्राहकों को देता है। बाकी का २० टन कोयला अन्य दूसरी कंपनी खुद से उत्पादन कर उपयोग में लाती हैं। दो नईखदान शुरू होने की स्थिति में हर रोज कोयले की उपलब्धता 150 मीट्रिक टन के करीब पहुंचने की संभावना है।
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