सुबह साढ़े नौ बजे ही टीम पहुंच गई कॉलेज
कॉलेज के निरीक्षण के लिए यूजीसी की टीम सुबह साढ़े नौ बजे ही पहुंच गई थी। एनसीसी कैडेट की ओर से मार्च पास्ट के जरिए किए गए स्वागत के बाद टीम के सदस्य सीधे कॉन्फ्रेंस हॉल में पहुंचे। सदस्यों ने प्राचार्य डॉ. रामलला के साथ बैठक की और फिर पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन के जरिए अकादमिक गतिविधियों से लेकर मूल्यांकन प्रणाली और इतर गतिविधियों की जानकारी ली।
कॉलेज के निरीक्षण के लिए यूजीसी की टीम सुबह साढ़े नौ बजे ही पहुंच गई थी। एनसीसी कैडेट की ओर से मार्च पास्ट के जरिए किए गए स्वागत के बाद टीम के सदस्य सीधे कॉन्फ्रेंस हॉल में पहुंचे। सदस्यों ने प्राचार्य डॉ. रामलला के साथ बैठक की और फिर पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन के जरिए अकादमिक गतिविधियों से लेकर मूल्यांकन प्रणाली और इतर गतिविधियों की जानकारी ली।
टीम में शामिल रहे यूजीसी के यह सदस्य
कॉलेज संबंधित पूरा विवरण संज्ञान में लेने के बाद छह सदस्यीय टीम दो-दो की संख्या में तीन दलों में विभाजित होकर विभागों में भौतिक सत्यापन के लिए निकली। निरीक्षण दल में सौराष्ट्र विवि राजकोट गुजरात के पूर्व कुलपति प्रो. प्रताप सिंह चौहान, दिल्ली विवि के प्रो. चंदन कुमार, शासकीय नागार्जुन पीजी कॉलेज ऑफ साइंस रायपुर छत्तीसगढ़ के प्रो. एसके प्रसाद व यूजीसी के शिक्षा अधिकारी प्रो. निखिल कुमार के अलावा यहां उच्च शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक डॉ. सत्येंद्र शर्मा व अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के कॉलेज विकास परिषद की अधिष्ठाता प्रो. अंजली श्रीवास्तव शामिल हैं।
कॉलेज संबंधित पूरा विवरण संज्ञान में लेने के बाद छह सदस्यीय टीम दो-दो की संख्या में तीन दलों में विभाजित होकर विभागों में भौतिक सत्यापन के लिए निकली। निरीक्षण दल में सौराष्ट्र विवि राजकोट गुजरात के पूर्व कुलपति प्रो. प्रताप सिंह चौहान, दिल्ली विवि के प्रो. चंदन कुमार, शासकीय नागार्जुन पीजी कॉलेज ऑफ साइंस रायपुर छत्तीसगढ़ के प्रो. एसके प्रसाद व यूजीसी के शिक्षा अधिकारी प्रो. निखिल कुमार के अलावा यहां उच्च शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक डॉ. सत्येंद्र शर्मा व अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के कॉलेज विकास परिषद की अधिष्ठाता प्रो. अंजली श्रीवास्तव शामिल हैं।
प्रयोगशालाओं में बिताया अधिक वक्त
विभागों में निरीक्षण के लिए पहुंचे दल के सदस्यों का ध्यान शोध गतिविधियों पर अधिक रहा। टीम ने शोध के साथ पढ़ाए गए पाठ्यक्रमों और हो चुके आंतरिक मूल्यांकन की पूरी जानकारी ली, लेकिन ज्यादा वक्त उन्होंने विभाग के प्रयोगशालाओं व पुस्तकालयों में बिताया। प्रयोग के अत्याधुनिक उपकरणों और नवीन पुस्तकों की विशेषतौर पर जानकारी प्राप्त की। सदस्यों की ओर से कुल २४ विभागों का निरीक्षण किया गया।
विभागों में निरीक्षण के लिए पहुंचे दल के सदस्यों का ध्यान शोध गतिविधियों पर अधिक रहा। टीम ने शोध के साथ पढ़ाए गए पाठ्यक्रमों और हो चुके आंतरिक मूल्यांकन की पूरी जानकारी ली, लेकिन ज्यादा वक्त उन्होंने विभाग के प्रयोगशालाओं व पुस्तकालयों में बिताया। प्रयोग के अत्याधुनिक उपकरणों और नवीन पुस्तकों की विशेषतौर पर जानकारी प्राप्त की। सदस्यों की ओर से कुल २४ विभागों का निरीक्षण किया गया।
खेल सहित अन्य गतिविधियों पर भी रहे केंद्रीत
पहले दिन दूसरी पाली में सदस्यों का निरीक्षण खेल सहित कॉलेज की अन्य गतिविधियों पर आधारित रहा है। सदस्यों ने यूजीसी व ऑटोनॉमस सेल के अलावा सपोर्ट सर्विस-जिम, कॅरियर गाइडेंस सेल, छात्र समस्या समाधान सेल, स्पोर्ट्स सेल व सांस्कृतिक प्रकोष्ठ की प्रत्येक गतिविधि की जानकारी ली। गोपनीय व परीक्षा प्रकोष्ठ में भी सदस्यों ने जाकर उन व्यवस्थाओं को देखा, जिनका पीपीटी में जिक्र किया गया था।
पहले दिन दूसरी पाली में सदस्यों का निरीक्षण खेल सहित कॉलेज की अन्य गतिविधियों पर आधारित रहा है। सदस्यों ने यूजीसी व ऑटोनॉमस सेल के अलावा सपोर्ट सर्विस-जिम, कॅरियर गाइडेंस सेल, छात्र समस्या समाधान सेल, स्पोर्ट्स सेल व सांस्कृतिक प्रकोष्ठ की प्रत्येक गतिविधि की जानकारी ली। गोपनीय व परीक्षा प्रकोष्ठ में भी सदस्यों ने जाकर उन व्यवस्थाओं को देखा, जिनका पीपीटी में जिक्र किया गया था।
छात्रों व कर्मचारियों से की सीधी बात
निरीक्षण के बीच में ही टीम के सदस्यों ने छात्रों के साथ प्राध्यापकों व कर्मचारियों से अलग-अलग बात की। छात्रों के मुताबिक, उनसे परिसर की सुरक्षा सहित अन्य व्यवस्थाओं के बारे पूछा गया। छात्रों की संख्या अधिक होने से आने वाली समस्याओं पर भी चर्चा की। इसी प्रकार प्राध्यापकों व कर्मचारियों से भी उनकी मांगों और समस्याओं के बारे में सदस्यों ने बात की।
निरीक्षण के बीच में ही टीम के सदस्यों ने छात्रों के साथ प्राध्यापकों व कर्मचारियों से अलग-अलग बात की। छात्रों के मुताबिक, उनसे परिसर की सुरक्षा सहित अन्य व्यवस्थाओं के बारे पूछा गया। छात्रों की संख्या अधिक होने से आने वाली समस्याओं पर भी चर्चा की। इसी प्रकार प्राध्यापकों व कर्मचारियों से भी उनकी मांगों और समस्याओं के बारे में सदस्यों ने बात की।