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जिम्मेदारों की अनदेखी : छात्राओं को निदान के लिए लगानी पड़ रही विश्वविद्यालय की दौड़

locationरीवाPublished: Nov 10, 2018 01:55:59 am

Submitted by:

Anil singh kushwah

अग्रणी कॉलेजों में विवि केन्द्र खोलने की पहल पर नहीं हुआ अमल

Unaware of Responsibilities: Students running for diagnosis of girls

Unaware of Responsibilities: Students running for diagnosis of girls

रीवा. प्रत्येक जिले से कॉलेजों में अध्ययन कर रहे छात्र – छात्राओं को किसी भी प्रकार की समस्या आने पर उनका निराकरण कॉलेज में ही हो जाए, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय की ओर से इसके लिए प्रत्येक जिले की अग्रणी कॉलेज में केन्द्र खोलने की पहल की गई थी। लेकिन इस पहल पर अमल नहीं हो पाया। जिसकी वजह से आज भी छात्र – छात्राओं की समस्या जस की तस बनी हुई है। किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर उन्हें निराकरण के लिए अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय ही आना पड़ रहा है।
छात्रों की हो रही फजीहत
कॉलेजों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को अक्सर विश्वविद्यालय से संबंधित कार्यों को लेकर समस्या होती रहती है। नामांकन, प्रैक्टिकल के नंबर, सेशनल नंबर को लेकर काफी जद्दोजहद होती है। कॉलेज के जिम्मेदारों के पास छात्र जाते हैं तो उनसे कहा जाता है कि यह विश्वविद्यालय की गलती है। पूरा ठीकरा विश्वविद्यालय पर फोड़कर कॉलेज के जिम्मेदार छात्र – छात्राओं को विश्वविद्यालय भेज देते हैं।
दूर-दूर के बच्चे हर वर्ष होते हैं परेशान
सिंगरौली, सीधी एवं शहडोल के छात्र -छात्राएं इस समस्या से अक्सर परेशान होते हैं। परीक्षा के बाद जब रिजल्ट जारी होता है तो अक्सर यह स्थिति देखने को मिलती है। यदि अग्रणी कॉलेजों में विवि का केन्द्र स्थापित होता तो विश्वविद्यालय से संबंधित समस्याओं का निराकरण करने में छात्र – छात्राओं को परेशानी नहीं होती।
कॉलेज एवं विवि के बीच परेशान होते हैं छात्र
छात्र-छात्राएं कॉलेज एवं विश्वविद्यालय के बीच दौड़ लगाते हैं। जहां कॉलेज की ओर से विश्वविद्यालय की गलती बताई जाती है तो विश्वविद्यालय के जिम्मेदार, कॉलेज की गलती बता देते हैं। कहा जाता है कि, कॉलेज से सेशनल नंबर नहीं आया है। सेशनल नंबर आने पर ही अंकसूची में नंबर चढ़ाए जाएंगे।
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