– शासन के पास भेजी जा चुकी हैं दावा-आपत्तियां
रीवा शहर के सीमा विस्तार का प्रारंभिक प्रकाशन पहले ही किया जा चुका है। दावा-आपत्तियों की सुनवाई कलेक्टर के यहां होनी थी लेकिन लोकसभा चुनावों के चलते बीते 29 मार्च को प्रक्रिया रोक दी गई थी और दावा-आपत्तियों का ब्यौरा भोपाल मंगा लिया गया था। इस पर अभी तक सुनवाई नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि करीब 60 आपत्तियों में दो सौ से अधिक लोगों ने अपनी ओर से आपत्तियां दर्ज कराई हैं। जिसमें 17 गांवों के सरपंचों ने भी लिखकर दिया है कि वह शहर की सीमा में अपने ग्राम पंचायत में शामिल नहीं करना चाहते हैं। नए निर्देश के तहत इन सभी आपत्तियों पर सुनवाई होगी।
– इन गांवों को निगम सीमा में शामिल करना है
रीवा शहर के आसपास के 45 गांवों को नगर निगम में शामिल करने के लिए प्रारंभिक प्रकाशन हुआ है। जिसमें प्रमुख रूप से नीगा, रमकुई, गोड़हर, अमरैया, तुरकहा, दुआरी, करहिया, मैदानी , केमार, बिड़वा देवार्थ, अटरिया, मढ़ी, किटवरिया, अजगरहा, उमरिहा, सिरखिनी, बरा 395), बरा (393), इटौरा, भाटी , सोनौरा, पुरैना, बेलहा(451), बेलहा, कोष्टा, भुंडहा , गड़रिया, जिवला, सिलपरा, डकवार, सिलपरी, बैसा , मगुरहाई, रमपुरवा, रौसर , पिपरा(376), पिपरा (375), खोखम,लोही, खौर 147, हरिहरपुर, तिघरा, कोठी एवं अल्ला नगरी आदि शामिल हैं।
– 30 अगस्त तक – दावा-आपत्ति पर शासन को प्रतिवेदन भेजना।
– 30 सितंबर तक – दावा-आपत्तियों के निराकरण के बाद अंतिम प्रकाशन शासन द्वारा।
– 17 अक्टूबर तक- वार्डों की संख्या और सीमाओं का निर्धारण अधिसूचना का प्रकाशन कलेक्टर द्वारा।
– 31 अक्टूबर तक- वार्डों की संख्या पर दावा-आपत्ति कलेक्टर शासन को रिपोर्ट भेजेंगे।
– 15 नवंबर तक- वार्डों की सीमाओं का अंतिम प्रकाशन शासन द्वारा।
– 30 दिसंबर तक- वार्डों के आरक्षण से संबंधित कार्रवाई कलेक्टर द्वारा।
– 10 जनवरी 2020 तक- वार्ड आरक्षण की जानकारी कलेक्टर द्वारा शासन को भेजना।
– 30 जनवरी 2020- वार्ड आरक्षण की अधिसूचना का प्रकाशन शासन द्वारा।
-15 फरवरी 2020 तक – महापौर के पद का आरक्षण