दो थानों की पुलिस के सामने जाम से जूझते वाहन और शहरी
ज्यादातर गाडिय़ांं बस स्टैण्ड के अंदर खड़े होने के बजाय निर्माणाधीन फ्लाइओवर के बीच में खड़ी होकर सवारी भरती है।

रीवा. शहर के न्यू बस स्टैण्ड के सामने जाम अब स्थायी समस्या बन गई है। यहां यातायात व समान थाने की पुलिस मौजूद रहती है लेकिन दो थानों की पुलिस मिलकर न तो बस आपरेटरों की मनमानी पर अंकुश लगा पा रही है और न ही लोगों को जाम से निजात दिला पाती है। जाम से जूझते लोग व्यवस्था को कोसते नजर आते है। न्यू बस स्टैण्ड के सामने जाम की समस्या से वाहन चालक भी जूझ रहे है।
दरअसल बस स्टैण्ड से प्रयागराज, चाकघाट, हनुमना व सीधी मार्ग की ओर जाने वाले वाहनों के चलते सबसे ज्यादा अराजकता की स्थिति निर्मित होती है। ज्यादातर गाडिय़ांं बस स्टैण्ड के अंदर खड़े होने के बजाय निर्माणाधीन फ्लाइओवर के बीच में खड़ी होकर सवारी भरती है। उसके बाद काफी देर गाडिय़ां सवारियों के इंतजार सड़क पर भी खड़ी रहती है। जब तक उक्त गाडिय़ां रवाना नहीं हो जाती है तब तक यहां से मोटर साइकिल तक के निकलने की भी गुंजाईश नहीं रहती है। इन बसों के साथ टैक्सियां व ऑटो भी रोड में डेरा डाले रहते है। हर पन्द्रह मिनट में यहां जाम लग जाता है।
जिस स्थान पर अघोषित जाम के चलते अराजकता का वातावरण निर्मित होता है उसके ठीक सामने समान थाना है। इसके अलावा यातायात थाने के पुलिसकर्मी भी यहां तैनात होते है लेकिन दो थानों की पुलिस मिलकर भी व्यवस्था नहीं बना पा रही है। एक तरफ फ्लाइओवर का निर्माण और दूसरी ओर बस संचालकों की मनमानी में आम लोग ***** रहे है। इस समय स्कूलों की छुट्टी है जिससे समस्या कुछ हद तक कम है अन्यथा यहां घंटे भर के लिए जाम लग जाता है।
पांच पुलिसकर्मी होते है तैनात
समान तिराहे पर यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए प्रतिदिन यहां ट्राफिक थाने से पांच पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगती है। सुबह से लेकर दोपहर तक तीन पुलिसकर्मी ड्यूटी पर रहते है। इसके बाद दोपहर दो अन्य पुलिसकर्मी आते है जो रात तक यहां ड्यूटी करते है। फिर भी व्यवस्था में कोई खास सुधार नहीं हो रहा है। इसके अतिरिक्त समान थाने का पूरा स्टाफ यहां से गुजरता है।
कैसे दूर होगी समस्या
बताया जा रहा है कि न्यू बस स्टैण्ड के सामने जाम की समस्या सिर्फ अधिकारियों की अनदेखी के चलते निर्मित हो रही है। स्टैण्ड से निकलने के बाद बसों को सीधे गंतव्य की ओर रवाना किया जाये और सड़क में सवारी भरने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाये तो समस्या काफी हद तक हल हो जायेगी। यहां खड़े होने वाली टैक्सियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए जिससे पुलिस ने मुंह मोड़ रखा है।
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