रीवा

शहर के बड़े भवनों में अग्रिशमन की व्यवस्थाओं का होगा सत्यापन, कमियां पाई गईं तो होगी सख्ती

– पत्रिका में प्रकाशित खबर का हवाला देकर कलेक्टर ने नगर निगम एवं पीडब्ल्यूडी से मांगी रिपोर्ट- पूर्व में दिए गए निर्देशों के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने पर जताई नाराजगी

रीवाDec 05, 2019 / 12:55 pm

Mrigendra Singh


रीवा। शहर में बड़े भवनों में अग्नि सुरक्षा को लेकर संसाधनों उदासीनता लगातार सामने आ रही है। सरकारी एवं प्राइवेट भवनों में मानकों के अनुसार अग्निशमन के संसाधन नहीं हैं। दूसरे शहरों में हो रही आगजनी की घटनाओं की पुनरावृत्ति रीवा में नहीं हो, इसके लिए ‘पत्रिका’ ने प्रमुखता के साथ खबर प्रकाशित कर आगाह किया था। जिसे कलेक्टर ने गंभीरता से लिया और नगर निगम एवं लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से कहा है कि वह पूरे शहर में परीक्षण कराएं और बताएं कि कितने ऐसे बड़े भवन हैं जहां मानक के अनुरूप अग्नि सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं।
पूर्व में सूरत में कोचिंग संस्थान में आगजनी से कई बच्चों की मौत ने पूरे देश में सुरक्षा पर सवाल खड़े किए थे। उस दौरान मुख्यमंत्री के निर्देश पर रीवा में भी कलेक्टर ने शहर के लोगों से संवाद किया था और कहा था कि सभी बड़े भवनों के संचालक अपने व्यवस्थाएं करें। उक्त निर्देश के बाद कोई विशेष तौर पर स्थानीय स्तर पर ध्यान नहीं दिया गया। इसके बाद इंदौर के भी एक होटल में आग लगी। तब भी रीवा शहर में आगजनी से बचने के लिए उपायों पर सवाल उठाए गए। इसी दौरान पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट पर कलेक्टर ने संज्ञान लिया और इसकी विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

-होमगार्ड और निगम को करना था सत्यापन
पूर्व में सभी शापिंग काम्पलेक्स, अस्पताल एवं कोचिंग संस्थानों सहित अन्य बड़े भवनों में किस तरह से फायर फाइटिंग सिस्टम की व्यवस्था की गई है। इसके लिए नगर निगम एवं होम गार्ड्स के अधिकारियों को कहा गया था कि वह संयुक्त टीम गठित कर पूरे शहर में इसका परीक्षण कराएं। शहर में एक कंट्रोल रूम बनाने के लिए भी कहा था, यह आदेश अफसरों ने हवा में उड़ा दिया। किसी तरह की कार्रवाई अब तक नहीं हुई है।

– शहर के हर जोन से मांगी गई रिपोर्ट
कलेक्टर का निर्देश आने के बाद नगर निगम आयुक्त ने सभी जोन के अधिकारियों से कहा है कि अपने क्षेत्र के भवनों का परीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। साथ ही यह भी निर्देशित किया गया है कि सुझाव यदि किसी तरह से देने के योग्य हो तो अधिकारी उसे भी प्रस्तुत कर सकते हैं।

– सरकारी भवनों के लिए पीडब्ल्यूडी को लिखा
नगर निगम ने शहर के सरकारी भवनों में अग्निशमन की व्यवस्थाओं का परीक्षण कराने के लिए लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री को पत्र लिखा है। जिसमें कहा गया है कि शिल्पी प्लाजा और कलेक्ट्रेट भवन का रखरखाव लोक निर्माण विभाग के हवाले है, इसलिए वह अपने स्तर पर इसका परीक्षण कराएं कि जो फायर फाइटिंग सिस्टम लगाए गए हैं, वह चालू हालत में हैं अथवा नहीं। बता दें कि शिल्पी प्लाजा को पूरा सिस्टम खराब हो चुका है।

– इन स्थानों की होगी जांच
शहर के सभी शापिंग काम्पलेक्स, अस्पताल, नर्सिंगहोम, बारातघर, होटल, शैक्षणिक संस्थान, कोचिंग क्लास, बड़े आवासीय एवं कार्यालयीन भवन आदि की जांच कराने के लिए कहा गया है।

पत्रिका में प्रकाशित एक खबर में शहर के बड़े भवनों में आगजनी के इंतजाम खराब होने का हवाला दिया गया था। जिस पर कलेक्टर की ओर से निर्देशित किया गया है कि पूरे शहर में सत्यापन कराया जाए। अभियान चलाकर इसकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
एसके चतुर्वेदी, कार्यपालन यंत्री नगर निगम

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