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लॉकडाउन का उल्लंघन : गांव में अफवाह उड़ाकर जुटाई भीड़, ग्रामीणों ने एफआइआर की उठाई मांग

locationरीवाPublished: Aug 04, 2020 06:01:48 pm

Submitted by:

Mrigendra Singh

– माड़ौ में सरपंच-सचिव के साथ जनपद के अधिकारियों ने मिलकर सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ाई थी धज्जियां

rewa

Violation of lockdown, villagers raised demand for FIR

रीवा। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन के साथ प्रभावी धारा 144 का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों और सरपंच-सचिव के खिलाफ ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है। एक दिन पहले सिरमौर एसडीएम को ज्ञापन देने के बाद अब ग्रामीणों ने पुलिस अधीक्षक को आनलाइन माध्यम से शिकायत करते हुए सभी संबंधितों पर एफआइआर की मांग उठाई है।
ग्रामीणों का आरोप है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए ही जिले भर में लॉकडाउन घोषित किया गया है। इस बीच ग्राम पंचायत माड़ौ के सरपंच-सचिव ने अपने भ्रष्टाचार की कलई खुलने से बचाने के लिए गांव के लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया। सिरमौर से आए जांच अधिकारियों के साथ मिलीभगत करते हुए गांव में यह सूचना फैलाई कि आवास योजना एवं पेंशन का लाभ दिया जाना है।
इसी के चलते गांव के बड़ी संख्या में लोग जुट गए। इस भीड़भाड़ की वजह जांच प्रक्रिया प्रभावित कराने के साथ ही अपने पक्ष में माहौल बनाने का भी प्रयास किया गया। सरपंच-सचिव के इस कारनामे से गांव के लोगों में अब आक्रोश भड़कने लगा है। एक दिन पहले ही एसडीएम सिरमौर से शिकायत दर्ज कराई थी, अब एसपी से कहा है कि लॉकडाउन के उल्लंघन पर कार्रवाई की जाए।
बताया गया है कि बीते 31 जुलाई को बीपीओ राजेन्द्र त्रिपाठी, उपयंत्री राजनारायण मिश्रा ग्राम पंचायत माड़ौ में जांच करने पहुंचे थे। इस दौरान भीड़ जुटती रही और सोशल डिस्टेंसिंग की अनदेखी होती रही। गांव के निवासी गुरुदत्त सिंह, राकेश सिंह, कृष्ण कुमार सिंह, महेश प्रसाद, भदई कोल, सूर्यभान कोल, लक्ष्मन सहित अन्य ने शिकायत दर्ज कराई है कि जिले भर में लॉकडाउन घोषित है तो भीड़ जुटाने का क्या औचित्य है। यह जांच कार्रवाई लॉकडाउन समाप्त होने के बाद भी की जा सकती थी लेकिन गांव के लोगों को महामारी के मुंह में धकेलने का प्रयास किया गया है। ग्रामीणों ने जांच अधिकारियों के साथ ही पंचायत के सरपंच बृजेन्द्र प्रसाद पटेल एवं प्रभारी सचिव प्रदीप सिंह के विरुद्ध कार्रवाई की मांग उठाई है।
– पहले हो चुकी है कई कार्रवाई
लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर पूर्व में कई लोगों पर एफआइआर दर्ज हो चुकी है। कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया था। साथ ही बीते सप्ताह लॉकडाउन घोषित करते हुए कलेक्टर ने सभी एसडीएम के साथ ही पुलिस अधिकारियों से कहा है कि लॉकडाउन की शर्तांे के विपरीत काम करने की शिकायत आए तो सीधे एफआइआर दर्ज कराएं। माड़ौ गांव के लोगों ने अब उन्हीं नियमों और प्रक्रियाओं का हवाला देते हुए कहा है कि यहां पर जानबूझकर संक्रमण फैलाने का प्रयास किया गया है। इसलिए सरपंच-सचिव के साथ ही जांच करने पहुंचे अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
– एसडीएम ने साधी चुप्पी
माड़ौ गांव में सोशल डिस्टेंसिंग की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गई, जिनका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ। साथ ही एसडीएम तक शिकायत भी पहुंची। इस मामले में एसडीएम नीलमणि अग्रिहोत्री से जानकारी चाही गई तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया जारी नहीं की है, बल्कि मामले में चुप्पी साध ली है। बताया जा रहा है कि एसडीएम और जनपद के सीईओ के निर्देश पर ही जांच टीम भेजी गई थी। इसलिए आरोपों के घेरे में वह भी आ सकते हैं।
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