scriptBREAKING…मध्यप्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, पानी और स्वच्छता अत्यावश्यक सेवा घोषित, कर्मचारियों पर एस्मा के तहत होगी कार्रवाई | Water and sanitation essential services declared in Madhya Pradesh | Patrika News

BREAKING…मध्यप्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, पानी और स्वच्छता अत्यावश्यक सेवा घोषित, कर्मचारियों पर एस्मा के तहत होगी कार्रवाई

locationरीवाPublished: Jul 17, 2018 05:59:12 pm

Submitted by:

Manoj singh Chouhan

पेयजल आपूर्ति और स्वच्छता के कार्यों में हड़ताल की वजह से आपात स्थिति शासन ने माना है

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रीवा. नगरीय निकायों के कर्मचारियों द्वारा शुरू की गई अनिश्चिकालीन हड़ताल के चलते प्रदेशभर में सेवाएं बाधित हो रही हैं। पेयजल आपूर्ति और स्वच्छता के कार्यों में हड़ताल की वजह से आपात स्थिति शासन ने माना है। जिसके चलते आदेश जारी कर उक्त दोनों सेवाओं को अत्यावश्यक सेवा घोषित किया गया है।
जिसमें मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 99-ख तथा अधिनियम 1956 की धारा 65 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मध्यप्रदेश अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विछिन्नता निवारण अधिनियम 1979 के प्रावधानों के तहत नगरीय निकायों में पेयजल तथा स्वच्छता कार्य को आगामी एक महीने के लिए अत्यावश्यक सेवा घोषित किया गया है।
इन सेवाओं में बाधा उत्पन्न करने वाले कर्मचारियों पर प्रतिबंधात्मक कानून एस्मा के तहत कार्रवाईभी की जा सकेगी। इस आदेश पर नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी अरुण मिश्रा का कहना है निगम में पानी और स्वच्छता की सेवा से जुड़े कर्मचारी काम पर वापस लौट आए हैं, इस कारण रीवा में इसका असर नहीं होगा। शहर के लोगों को समस्या नहीं हो इस कारण कर्मचारियों ने स्वयं इसका निर्णय लिया है। नगर परिषदों में जहां पर कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं उन पर कार्रवाई की जा सकती है।
मांगे पूरी होने के बाद ही लौटेंगे काम पर

नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा शुरू की गई अनिश्चिकालीन हड़ताल लगातार जारी है। सरकार की ओर से हड़ताल समाप्त करने का आह्वान कर्मचारियों ने ठुकरा दिया है। साथ ही कहा है कि जिन छह सूत्रीय मांगों को लेकर वह आंदोलन कर रहे हैं उनके पूरे होने के बाद ही काम पर लौटेंगे। कर्मचारियों के प्रतिनिधि मंडल के साथ भोपाल में एक बार फिर सरकार की वार्ता हुई। जिसमें आश्वासन दिया गया है कि जो मांगे कर्मचारी कर रहे हैं, वह सामान्य प्रशासन और वित्त विभाग के यहां लंबित है। इस कारण तत्काल निराकरण करना मुश्किल है। यह हड़ताल बीते 11 जुलाई से शुरू की गई है।
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