पानी के संकट पर प्रदर्शन, सिर पर मटके लेकर पहुंची महिलाएं, कमिश्नरी के भीतर फेंका
कमिश्नरी के सामने जिले भर से आए कांग्रेसियों ने जताया आक्रोश, पूर्व में की गई मांग के बावजूद प्रशासन ने नहीं की कोई कार्रवाई

रीवा। शहर के साथ ही पूरे जिले में व्याप्त जलसंकट को लेकर कांग्रेस ने बड़ा प्रदर्शन किया। जिसमें जिले के सभी हिस्सों से आए कार्यकर्ताओं एवं आम लोगों ने इसमें सहभागिता दी। कमिश्नरी के सामने किए गए धरना-प्रदर्शन में कड़ी धूप के बीच बैठे लोगों ने सरकार की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाया।
आंदोलन का नेतृत्व करते हुए भारी तादात में विभिन्न क्षेत्रों से आए कार्यकर्ताओं से गुढ़ विधायक सुंदरलाल तिवारी ने कहा कि जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार आई है, आम आदमी के हितों की अनदेखी की जा रही है। पूंजीपतियों के इशारे पर सरकार काम कर रही है। युवाओं को हक देने की बात आई तो देश का सबसे बड़ा व्यापमं घोटाला कर दिया, हमने आवाज उठाई तो 90 वर्ष के वृद्ध पिता और हम पर मुकदमा लगाकर दबाव बनाने का प्रयास किया लेकिन हम डटे रहे। किसानों ने अपने हक की बात की तो उन पर गोलियां चलवाई जा रही हैं।
विधायक तिवारी ने कहा कि मध्यप्रदेश में सबसे अधिक किसान आत्महत्या कर रहे हैं, वहीं सीएम अपने को किसान हितौषी बताते हैं। मंडियों में किसान मारामारा फिर रहा है। महिलाओं पर सबसे अधिक अत्याचार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र में झूठे आश्वासनों के चलते सरकार बनी थी, लगातार महंगाई बढ़ रही है। डीजल-पेट्रोल के दाम हर दिन बढ़ रहे हैं, जो लोग पहले प्रदर्शन करते थे अब खामोश हैं।
इस दौरान चंद्रमणि शुक्ला, त्रियुगीनारायण शुक्ला, कौशलेश द्विवेदी, इं. राजेन्द्र शर्मा, अजय मिश्रा बाबा, शहीद मिस्त्री, अशोक मिश्रा, बृजभूषण शुक्ला, कविता पाण्डेय, बृजेन्द्र शुक्ला, अकबर निजामी, धनेन्द्र सिंह बघेल, राजेश मिश्रा, गोविंद शुक्ला, रामप्रकाश तिवारी, अशोक पटेल, नजमा बेगम, मो. अकरम सहित कई अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया। सभी ने अपने क्षेत्र की समस्याओं का उल्लेख किया और जनता से आह्वान किया है कि भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का वक्त आ गया है।
जलसंकट पर प्रशासन के पास वास्तविक रिपोर्ट नहीं
विधायक सुंदरलाल ने आरोप लगाया कि जलसंकट की वास्तविक स्थिति क्या है, इस पर प्रशासन के पास कोई व्यवस्थित रिकार्ड नहीं है। विधानसभा में हैंडपंपों की खराबी की अलग जानकारी देते हैं और जिला पंचायत में दूसरे आंकड़े बताए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि १५ साल से भाजपा की सरकार है लेकिन अब तक पानी की व्यवस्था नहीं कर पाई, इस सरकार को अब रहने का अधिकार नहीं। शहर में दूषित पानी के मामले में भी सरकार झूठी जानकारी देती है।
बिल्डर्स से ले रहे कमीशन
कांग्रेस विधायक तिवारी ने यह भी आरोप लगाया कि रीवा शहर की सभी महत्वपूर्ण भूमियों को समदडिय़ा बिल्डर्स के हाथ बेच दिया गया है। इसका कमीशन सीएम, मंत्री सहित कई अन्य लोगों तक जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अब तो वह भाजपा का प्रतिनिधि हो गया है। राजेन्द्र शुक्ला की जगह उसे रीवा के विधायक के लिए भाजपा को टिकट देना चाहिए।
शहर में निकाली साइकिल रैली
अमहिया से साइकिल रैली निकाली गई और बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दाम पर विरोध दर्ज कराया गया। यह रैली अमहिया से अस्पताल चौराहा, प्रकाश चौराहा, शिल्पी प्लाजा होते हुए कमिश्नरी के सामने धरना स्थल पहुंची। विधायक सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने साइकिल से सवारी की।
कमिश्नरी के भीतर फेंका मटका
जिले भर से आए कांग्रेस कार्यकर्ता अपने साथ खाली मटका लेकर आए थे। धरना समाप्ति के बाद जब कमिश्नरी ज्ञापन देने पहुंचे तो महिलाओं ने सिर पर मटका ले रखा था। कांग्रेस नेता अधिकारियों पर मनमानी का आरोप लगा रहे थे कि उनकी वजह से जनता को पानी नहीं मिल रहा है। इसी बीच महिलाओं ने सभी मटके कमिश्नरी के भीतर फेंक दिया। गेट के बाहर से फेके जाने की वजह से परिसर के भीतर मौजूद अधिकारी-कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। हालांकि अधिकारी वापस लौटे और ज्ञापन लेकर चर्चा की।

फिर दिखी गुटबाजी, नहीं पहुंचे कई नेता
कांग्रेस लगातार प्रदर्शन कर रही है और लोग भी भारी संख्या में इनका समर्थन करने के लिए जुट रहे हैं। लेकिन नेताओं की आपसी गुटबाजी खुलकर सामने आ रही है। कुछ दिन पहले इसी तरह प्रदर्शन पंचायतीराज सम्मेलन के नाम पर हुआ था। जहां विधायक सहित कई नेता नहीं पहुंचे थे। अब तिवारी ने कार्यक्रम का नेतृत्व किया तो उस दिन प्रदर्शन करने वाले सभी नेता गायब रहे। इस तरह के आपसी खींचतान पर कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनमें हताशा का भाव आता है।
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