इस वर्ष अब तक ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जिससे पानी खरीद कर लोग पी रहे हैं या फिर हैंडपंपों व अन्य स्त्रोतों के माध्यम से प्यास बुझा रहे हैं। नगर निगम ने इस वर्ष कोई व्यवस्था प्याऊ की नहीं की है, जबकि कई संगठनों की ओर से मांग भी उठाई गई है कि शहर के प्रमुख स्थानों पर पीने के पानी का इंतजाम किया जाए।
इस मामले में निगम के अधिकारियों का कहना है कि बीते कुछ वर्षों से सामाजिक संगठनों द्वारा प्याऊ खोला जाता रहा है, इसलिए निगम की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई है। निगम अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही शहर के कई हिस्सों में प्याऊ खोला जाएगा।
– सत्ता बदली तो संगठन भी गायब
बीते कई वर्षों से शहर के जिन सामाजिक संगठनों की ओर से डिब्बे के मिनरल वाटर को प्याऊ के रूप में उपयोग किया जा रहा था, वह इस समय कोई व्यवस्था नहीं कर रहे हैं। पूर्व में तत्कालीन मंत्री की तस्वीरें भी इन प्याऊ में लगाई जा रही थी और उन्हीं की प्रेरणा से प्याऊ खोलने की बात कही जा रही थी। इस समय भी वे शहर के विधायक हैं लेकिन उनकी ओर से भी पहले की तरह प्याऊ खोलने का अभियान नहीं चलाया गया है। हालांकि उन्होंने कहा है कि प्रदेश में सरकार चाहे भले ही उनकी नहीं है लेकिन शहर के विकास में कोई कमी नहीं रहने देंगे।
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