– थोक मात्रा में पानी लेने वालों की तय होगी दर
अभी तक शहर के उन बड़े संस्थानों से भी उसी तरह पानी का बिल वसूला जाता रहा है जो एक सामान्य कनेक्शनधारी से लिया जाता है। इस पर निगम आयुक्त की ओर से प्रस्ताव तैयार कराया गया है कि उन संस्थानों में पानी मीटर लगाए जाएंगे और उसकी खपत के अनुरूप ही जलकर की राशि तय होगी। इसमें प्रमुख रूप से सैनिक स्कूल, कलेक्ट्रेट, संजयगांधी एवं गांधी स्मारक अस्पताल, जिला अस्पताल, बाणसागर कालोनी के साथ ही अन्य बड़े व्यवसायिक संस्थानों में खपत के अनुरूप बिल नहीं लिया जा रहा है। इनके लिए जलकर की अलग दर निर्धारित करने की तैयारी की जा रही है।
– बिजली बिल और चुंगी क्षतिपूर्ति से भरपाई
वर्ष 2008 से नगर निगम में पानी सप्लाई के बदले जलकर वसूली की स्थिति बिगड़ी है। उनदिनों करीब 40 लाख रुपए बिजली बिल आता था, जिसे निगम ने जमा करना बंद कर दिया और उससे बचने वाली राशि के साथ ही हर महीने शासन से मिलने वाले करीब डेढ़ करोड़ रुपए चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि से भरपाई की जा रही है। बिजली बिल को लेकर समस्या हुई तो शासन स्तर पर समझौता किया गया था। वर्तमान में करीब 60 लाख रुपए बिल आ रहा है। इसकी भरपाई के लिए जलकर बिना मीटर के घरेलू कनेक्शन पर 300 रुपए और व्यवसायिक कनेक्शन पर 600 रुपए किए जाने का प्रस्ताव है।
– एमआइसी अमान्य कर चुकी है प्रस्ताव
पानी का बिल बढ़ाने के 2 अगस्त को मेयर इन काउंसिल की बैठक में प्रस्ताव लाया गया था। जिसे एमआइसी ने अमान्य कर दिया था। थोक में पानी लेने वाले संस्थानों से 15 रुपए प्रति किलोलीटर की दर से अनुशंसा की गई थी। अब निगम परिषद के सामने इस प्रस्ताव को फिर से लाया जा रहा है, ताकि निगम की बिगड़ती आर्थिक स्थिति को सुधारा जा सके।
– ऐसे बताया पानी पर खर्च
– मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना रखरखाव- 3.50 करोड़
– अमृत योजना के तहत पाइपलाइन का रखरखाव- 80 लाख रुपए
– पेयजल सप्लाई के लिए बिजली बिल पर खर्च- 7.20 करोड़
– मटेरियल, रेन्युवेशन एवं अन्य व्यय- 3.50 करोड़ रुपए।